मध्य प्रदेश सरकार के एक फैसले के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव को पुराने पन्ने पलटने की सलाह दी जा रही है। मुख्यमंत्री को मशविरा दिया गया है, ‘राज्य को 4 लाख करोड़ के कर्ज से मुक्त नहीं करा सकते तो नये कर्ज के बोझ से बचाने की ठोस शुरुआत कर दीजिये।’
मोहन जी, एमपी को 4 लाख करोड़ के कर्ज से मुक्ति दिलाइये!
- मध्य प्रदेश
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- 29 Mar, 2025

मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार द्वारा अपने मंत्रियों का इनकम टैक्स नहीं भरने से क्या राज्य भारी भरकम कर्ज से मुक्त हो जाएगा? या फिर कुछ और ही क़दम उठाने पड़ेंगे?
बता दें कि मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार ने मंगलवार को कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया है, ‘अब से राज्य सरकार अपने मंत्रियों का इनकम टैक्स नहीं भरेगी।’ राज्य की सरकार लंबे समय से मंत्रियों को मिलने वाले वेतन-भत्तों से जुड़ा टैक्स सरकारी खजाने से अदा करती चली आ रही है। मोहन यादव सरकार का निर्णय सकारात्मक है। इस निर्णय के बाद मध्य प्रदेश के सरकारी खजाने का हर साल 65-70 लाख रुपया बचेगा। सरकार की ओर से बताया गया कि बीते 5 सालों में मंत्रियों के करों पर 5.24 करोड़ रुपयों के लगभग की राशि व्यय हुई।
मोहन यादव सरकार के निर्णय पर विपक्ष स्मरण करवा रहा है, मंत्रियों और सरकार में होने वाली फिजूलखर्ची से जुड़ा लेखा-जोखा एक बार मुख्यमंत्री मोहन यादव बारीकी से पलट लें।