महाराष्ट्र में चुनाव के लिए मतदाता भारी संख्या में घरों से निकले। राज्य में देर रात तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार मतदान 65.1 प्रतिशत को पार कर गया। राज्य में इतनी भारी तादाद में मतदान दशकों बाद हुआ है। 1995 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है, जब राज्य में 71.69 प्रतिशत मतदान हुआ था। यह मतदान इस साल के लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र में दर्ज 61.39 प्रतिशत और 2019 के विधानसभा चुनावों में दर्ज 61.4 प्रतिशत से कहीं ज़्यादा है। तो सवाल है कि इतनी भारी तादाद में मतदान का मतलब क्या है? क्या एंटी इंकंबेंसी यानी सरकार के ख़िलाफ़ ग़ुस्से में इतने लोग बाहर निकले या फिर सरकार की नीतियों और योजनाओं का समर्थन करने के लिए?