अदाकारी के अजीमुश्शान बादशाह दिलीप कुमार अब इस दुनिया में नहीं रहे। दुनिया भर में फैले अपने लाखों-लाख चाहने वालों को उन्होंने 7 जुलाई को अपना आखिरी अलविदा कह दिया। पिछले एक महीने से वे लगातार बीमार थे। वे उम्र के जिस पड़ाव पर थे, जिस्मानी तकलीफें और बीमारियाँ लाजमी थीं। बीते साल 11 दिसंबर को ही उन्होंने अपना 98वां जन्मदिन मनाया था।
दिलीप कुमार ने किसके कहने पर पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान स्वीकार किया !
- श्रद्धांजलि
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- 7 Jul, 2021

भारत सरकार के बड़े नागरिक सम्मानों में से एक 'पद्मभूषण' और 'पद्म विभूषण' के अलावा साल 1998 में पाकिस्तान सरकार ने उन्हें अपने सबसे बड़े नागरिक सम्मान 'निशान-ए-इम्तियाज़' से सम्मानित किया।
हिंदोस्तानी सिनेमा में दिलीप कुमार वे अदाकार थे, जिनका जीते जी लेजेंड का मर्तबा है। दिलों को जीतने वाले इस शानदार अदाकार ने अपनी अदाकारी से एक नया इतिहास रचा था। फ़िल्मों में अदाकारी को छोड़े उन्हें तीन दशक का लंबा अरसा हो गया था, लेकिन उनकी अदाकारी का जादू आज भी उनके चाहने वालों के सिर चढ़कर बोलता है।
'मेथड एक्टिंग'
दिलीप कुमार ने किसी अदाकारी के स्कूल में ट्रेनिंग नहीं ली, लेकिन अदाकारी का अपना एक ऐसा जुदा तरीका ईजाद किया, जिसे 'मेथड एक्टिंग' कहते हैं। उनकी अदाकारी का यह अंदाज पूरे देश-दुनिया में खूब पसंद किया गया।