यह बात अब कम लोगों को याद है कि राजू श्रीवास्तव कभी सपा से जुड़े थे और बाद में उन्होंने बीजेपी का दामन थामा था। कला याद रहती है, वे समझौते पीछे छूट जाते हैं जो कलाकार अपने जीवन काल में किसी प्रलोभन या दबाव में करते हैं। अब किसी को याद नहीं है कि जगजीत सिंह ने कभी अटल बिहारी वाजपेयी की लिखी बहुत मामूली कविताएं गाने की कोशिश की थी। उनके अच्छे गीत ही याद किए जाते हैं। श्रीकांत वर्मा कांग्रेस की राजनीति में रहे, यह बात भुलाई जा चुकी है, सबको 'मगध' याद है।