असम में एनआरसी प्रक्रिया में करोड़ों लोग परेशान हुए, फिर भी इसे पूरे देश में लागू करने की बात क्यों की जा रही है? असम की दिक्कतों से सीख नहीं ली जा रही है या फिर जानबूझकर चुनावी फ़ायदे के लिए एक त्रासदी पैदा की जा रही है?