देश में 22 मार्च के बाद से शिक्षा के तमाम संस्थानों में ताले पड़े हैं। कोरोना का प्रसार थमने का नाम नहीं ले रहा है। आज कोरोना से संक्रमित नागरिकों की संख्या पंद्रह लाख पार कर गयी है। संक्रमण की गति और उसकी वजह से होने वाली मौतों की दर के मामले में हिंदुस्तान दुनिया में पहले स्थान पर आ चुका है।
नई शिक्षा नीति: शैक्षिक संस्थानों पर नियंत्रण की कोशिश?
- विचार
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- 31 Jul, 2020

देश में शिक्षा के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन कर दिये गए। 34 साल बाद नए सिरे से देश में नयी शिक्षा नीति को दो दिन पहले कैबिनेट की मंजूरी मिल गयी है।
प्राइवेट स्कूलों में साधन सम्पन्न बच्चे ऑनलाइन शिक्षा ले रहे हैं। तमाम कोचिंग संस्थान भी ऑनलाइन ट्यूटोरियल्स पढ़ा रहे हैं। इनकी देखा देखी कई राज्यों में भी दूर दराज़ के गाँवों में सरकारी शिक्षकों को भेजकर अलग-अलग टोलों में 4-5 बच्चों को बैठाकर पढ़ाने के आदेश दिये जा चुके हैं। कई हल्कों से ऐसी भी ख़बरें आ रही हैं कि मास्टरों को लाउड स्पीकर से पढ़ाने के निर्देश मिले हैं। कुछ इलाक़ों में गाँव के शिक्षक अपनी साइकिल पर लाउड स्पीकर लगाकर शासनादेशों की अमल वजावणी करते हुए भी दिखलाई दे रहे हैं।
देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान लगभग दो महीने देश भर में संचालित आँगनवाड़ियाँ बंद रहीं। इससे नौनिहालों का पोषण और प्री-स्कूल लर्निंग बुरी तरह प्रभावित रही।