लाख कोशिशों के बावजूद देश के हालात फिर वहीं पहुँच गए हैं जहाँ नहीं पहुँचने थे। केंद्र और राज्य सरकारों ने हरचंद कोशिश कर ली। हाईकोर्ट की फटकार की भी परवाह नहीं की। सुप्रीम कोर्ट जाकर अपने लिए खास परमिशन ले आए कि लॉकडाउन न लगाना पड़े। लेकिन हारकर आख़िरकार उन्हें भी लॉकडाउन ही आख़िरी रास्ता दिखता है, कोरोना के बढ़ते कहर को थामने का। महाराष्ट्र ने कड़ाई बरती तो फायदा भी दिख रहा है। अप्रैल के आख़िरी दस दिनों में सिर्फ़ मुंबई में पॉजिटिव मामलों में चालीस परसेंट की गिरावट दर्ज की गई है। जहाँ बीस अप्रैल को शहर में 7192 मामले सामने आए, वहीं 29 अप्रैल तक यह गिनती 4174 पहुँच चुकी थी। इक्कीस अप्रैल से सरकार ने राज्य में लगभग लॉकडाउन जैसे नियम लागू कर दिए थे, उसी का यह नतीजा है। और अब सारी पाबंदियाँ पंद्रह मई तक बढ़ाई जा रही हैं।