वर्ष-2021 की महात्मा गांधी पुण्य तिथि ऐसे मौके पर आई है, जब खुद को लोक प्रतिनिधि सभा कहने वाली संसद में खेती से जुड़े ऐसे तीन प्रस्तावों को बिना बहस के क़ानून बना दिया गया है, जिन्हें खुद खेतिहर अपने खिलाफ बता रहे हैं। वे क़ानूनों को रद्द कराने की जिद्द पर अडे़ हैं। कृषि मंत्री कह रहे हैं कि वह इन्हे डेढ़ वर्ष के लिए टालने से ज्यादा और कुछ नहीं कर सकते; गोया कृषि मंत्री दाता हों और किसान भिक्षुक।
पुण्यतिथि: यदि आज गांधी जी जिंदा होते तो...
- विचार
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- 30 Jan, 2021

कृषि मंत्री कह रहे हैं कि वह इन्हे डेढ़ वर्ष के लिए टालने से ज्यादा और कुछ नहीं कर सकते; गोया कृषि मंत्री दाता हों और किसान भिक्षुक।
प्रधानमंत्री जी भी नीरो की तरह क़ानूनों को खेतिहरों का हितैषी बताने की बंसी बजा रहे हैं। टालमटोल भरी कई वार्ताओं में धीरजपूर्वक शामिल किसान आंदोलन के बीच 26 जनवरी को घटी निंदनीय हिंसा ने सरकार को मौका दे दिया है।
आंदोलनकारी किसानों के शिविरों के इर्द-गिर्द अर्धसैनिक बलों की टुकड़ियां बंदूक ताने उनकी बाड़बंदी कर रही हैं।