महाराष्ट्र में कोरोना वैक्सीन कम पड़ सकती है। राज्य सरकार ने कहा है कि उसके पास सिर्फ़ तीन दिन के लिए वैक्सीन बची है और इसके बाद राज्य के कई हिस्सों में वैक्सीन की कमी हो जाएगी।
कोरोना टीका के लिए स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स का पंजीकरण अब नहीं किया जाएगा। केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इसको तुरत लागू करने के लिए निर्देश जारी किए हैं।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और दवा बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित की गई वैक्सीन को लेकर दुनिया भर में जो हो रहा है वह आगे चलकर भारत के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है। यह सब भारत की वैक्सीन नीति से होगा।
तेज़ी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि अप्रैल महीने में छुट्टी के दिन भी वैक्सीन लगाने की अनुमति दी जाए।
केंद्र सरकार ने अब कहा है कि कोविशील्ड की दो खुराक के बीच 6-8 हफ़्तों का फासला होने से बेहतर परिणाम आता है। लेकिन यही केंद्र सरकार अब तक इस टीके को 4 हफ़्ते के अंतराल पर लगवाती रही। ऐसा क्यों?
एस्ट्राज़ेनेका-ऑक्सफ़ोर्ड की वैक्सीन पर अब यूरोपीय यूनियन के बड़े देशों- जर्मनी, इटली और फ्रांस ने भी रोक लगा दी है। कोरोना के ख़िलाफ़ दुनिया भर में चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान को बड़ा झटका लगा है।
भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन अब क्लिनिकल ट्रायल मोड में नहीं रही। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया यानी डीसीजीआई ने गुरुवार को क्लिनिकल ट्रायल मोड का वह ठप्पा हटा दिया।
जिस एस्ट्राज़ेनेका-ऑक्सफ़ोर्ड से क़रार कर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया कोरोना वैक्सीन बना रही है उसकी वैक्सीन पर कई यूरोपीय देशों में तात्कालिक तौर पर रोक लगाई गई है। यह रोक डेनमार्क, नॉर्वे और आइसलैंड ने गुरुवार को लगाई।
कोवैक्सीन को विशेषज्ञों के जिस पैनल ने 'क्लिनिकल ट्रायल मोड' में आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी थी उसने अब कहा है कि इस 'क्लिनिकल ट्रायल मोड' टैग को हटाया जा सकता है।
राजस्थान सरकार ने कहा है कि राज्य में कोरोना वैक्सीन के कम पड़ने की आशंका है। राजस्थान सरकार ने केंद्र को इस बारे में आगाह किया है। हालाँकि केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के दावों को खारिज किया है।
अरविंद केजरीवाल सरकार दिल्ली सरकार के अस्पतालों में सभी के लिए मुफ़्त में कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराएगी। मनीष सिसोदिया ने दिल्ली सरकार के बजट पेश करते हुए इसकी घोषणा की है।
कोरोना वैक्सीन लगवाने पर यदि कोई दुष्प्रभाव हुआ और अस्पताल में जाने की ज़रूरत पड़ी तो क्या बीमा कंपनियाँ इलाज का ख़र्च उठाएँगी? यदि स्वास्थ्य बीमा कराने वालों के मन में यह सवाल है तो बता दें कि यह बीमा के दायरे में आएगा।
कोरोना टीकाकरण का दूसरा चरण शुरू होने के दो दिन में ही अब इसका दायरा बढ़ा दिया गया है। केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि टीकाकरण के काम में अब सभी निजी अस्पतालों का इस्तेमाल किया जाए।
कोरोना टीकाकरण के दूसरे चरण का अभियान शुरू हो गया। लेकिन क्या आपको पता है कि टीका लगवाने की पूरी प्रक्रिया क्या है? कैसे रजिस्ट्रेशन कराना है, कैसे अप्वाइंटमेंट लेना है और क्या-क्या नियम-क़ायदे हैं?