क्या संवेदनशील ख़बरें भी अब सोशल मीडिया पर साझा की जाने वाली तसवीरों के आधार पर बिना पुष्टि की दी जाएँगी? ऐसे में ख़बरों की विश्वसनीयता कैसे रहेगी? जानिए, पेंटागन के पास विस्फोट की फ़ेक ख़बर कैसे चलाई गई।
अमेरिका में कुछ न कुछ ऐसी गतिविधियां होती रहती हैं जिससे वहां का लोकतंत्र बहुत मजबूत होता रहता है। फर्जी खबर यानी फेक न्यूज पर सबसे ज्यादा चर्चा भारत में है लेकिन अमेरिका के मशहूर फॉक्स न्यूज को फर्जी खबर फैलाने पर 65 अरब डॉलर से ज्यादा की रकम डोमिनियन कंपनी को देनी होगी। फॉक्स ने डोमिनियन के बारे में फर्जी खबर फैलाने की बात भी स्वीकार कर ली है।
बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) जांच में पता चला है कि आरोपियों ने एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था, इसके माध्यम से वे विभिन्न समुदायों के खिलाफ लोगों के बीच नफरत फैला रहे थे।
बिहार के प्रवासियों पर तमिलनाडु में हमले की फेक न्यूज़ फैलाने के मामले में बीजेपी के प्रवक्ता प्रशांत उमराव को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। जानें अदालत ने उन्हें क्या कहा है।
डीएमके प्रमुख एम.के. स्टालिन ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं, बीजेपी अभी तक इसका जवाब नहीं दे पाई है। हाल ही में तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों पर हमले की फर्जी खबरें और वीडियो फैलाए गए। बिहार के हिन्दी अखबारों ने उन फर्जी खबरों को बढ़ा-चढ़ाकर छापा। स्टालिन ने उसी संदर्भ में बीजेपी पर अब आरोप लगाया है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ जी न्यूज ने फर्जी खबर चलाई कि उन्होंने उदयपुर की घटना के आरोपियों को बच्चे कहा है। इस फर्जी खबर को बीजेपी के नेताओं, मंत्रियों, सांसदों ने ट्वीट करके वायरल किया। बाद में जब सच का पर्दाफाश हुआ तो जी न्यूज ने माफी मांग ली और इसे मानवीय भूल बताया।
ट्विटर ने केंद्र सरकार के कहने पर ऐसे कई ट्वीट हटा दिए, जिनमें कोरोना संभालने में सरकार की आलोचना की गई थी। इसमें कई राजनीतिक दल, एक्टर व पत्रकार के ट्वीट शामिल हैं।
सांसद बदरुद्दीन अजमल चर्चा में हैं। एक वीडियो क्लिप को लेकर।उस छेड़छाड़ वाले वीडियो में उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है, 'इसी भारत पर मुग़लों ने 800 साल राज किया। इस देश को इस्लामिक राष्ट्र बनायेंगे...।'
प्रधानमंत्री मोदी की कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में रविवार की रैली की उनकी पार्टी और समर्थकों की ओर से ऐसी-ऐसी तसवीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट की गईं जो दूसरी पार्टियों की रैलियों की थीं।
अमित मालवीय जिस तरह की फ़ेक न्यूज़ फैलाने के लिए चर्चा में रहे हैं उस पर अब ट्विटर ने भी 'ठप्पा' लगा दिया है। पुलिस द्वारा किसानों की लाठी से पिटाई की जो तसवीर वायरल हुई थी उसको प्रोपेगेंडा बताने के अमित मालवीय के प्रयास की ट्विटर ने हवा निकाल दी।
बजाज कंपनी के बाद पारले कंपनी की ओर से भी ज़हरीले न्यूज़ चैनलों के बहिष्कार की घोषणा को एक अप्रत्याशित और सुखद क़दम के तौर पर लिया जा रहा है। सोशल मीडिया पर व्यक्त की जा रही टिप्पणियों में इसे देखा जा सकता है।
दिल्ली पुलिस ने ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर के ख़िलाफ़ मामला दर्ज़ कर लिया है। सवाल उठता है कि जिस ट्वीट के आधार पर उसने ऐसा किया है क्या वही कारण है या फिर ऑल्ट न्यूज़ और मीडिया को चुप कराने के लिए ऐसा किया गया है? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट
ऑल्ट न्यूज़ के सह- संस्थापक मुहम्मद ज़ुबैर के ख़िलाफ़ उनके एक ट्वीट को लेकर मामला दर्ज़ कर लिया गया है। आरोप यह लगाया गया है कि उन्होंने एक नाबालिग लड़की को कथित तौर पर धमकाया और प्रताड़ित किया है।
पैंगोंग त्सो, देपसांग और बाक़ी इलाक़ों में क्या सूरत-ए-हाल है, यह भारत का हर शख़्स जानना चाहता है। ऐसे वक्त में न्यूज़ चैनलों से यह उम्मीद की जाती है कि वे सही तसवीर को सामने रखेंगे।