2024 के लोकसभा चुनाव के बाद की स्थिति को लेकर एनसीपी शरदचंद्र पवार पार्टी के सुप्रीमो शरद पवार ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि चुनाव के बाद कई क्षेत्रीय दल कांग्रेस के करीब आएंगे। इसमें से कुछ का तो कांग्रेस में विलय भी हो सकता है।
एनसीपी (शरद चंद्र पवार) की नेता सुप्रिया सुले ने रविवार को कहा है कि भाजपा शरद पवार को राजनैतिक रूप से खत्म करना चाहती है। इस उद्देश्य से ही बारामती लोकसभा सीट पर उनके खिलाफ उनकी भाभी सुनेत्रा पवार को मैदान में उतारने की साजिश रची है।
क्या अजित पवार खेमे को असली एनसीपी बताने का जो आधार चुनाव आयोग ने तय किया वह संवैधानिक रूप से सही नहीं था? जानिए, सुप्रीम कोर्ट ने आख़िर क्यों कहा कि वह फ़ैसला मतदाता का मजाक है।
अजीत गुट ने एनसीपी के चुनाव चिह्न पर अपना दावा जताया था। मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार 14 मार्च को इस पर तीखी टिप्पणियां कीं। सुप्रीम कोर्ट ने शरद पवार के नाम, फोटो का इस्तेमाल करने के लिए अजीत पवार गुट की खिंचाई की। अदालत ने अजीत पवार गुट से कहा- 'अब आप अपनी पहचान के साथ जाएं।' जानिए पूरा मामलाः
एनसीपी शरद पवार गुट के 10 विधायकों को अयोग्य घोषित नहीं करने के महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर के फैसलो को एनसीपी अजीत पवार गुट ने मुंबई हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
अजित खेमे को असली एनसीपी मानने के चुनाव आयोग के फ़ैसले को चुनौती देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। जानिए, इसने चुनाव आयोग को क्या निर्देश दिया और शरद खेमे को क्या कहा।
चर्चा है कि एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ लोकसभा चुनाव में अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को उतार सकते हैं। शुक्रवार से बारामती लोकसभा क्षेत्र में सुनेत्रा पवार के सामाजिक कार्यों को बताता प्रचार रथ दिख रहा है। इसी सीट से सुप्रिया सुले सांसद हैं।
महाराष्ट्र की राजनीति के मँझे हुए खिलाड़ी शरद पवार को बड़ा झटका लगा है। जानिए, उनके भतीजे अजित पवार खेमे के ख़िलाफ़ लड़ाई में स्पीकर ने क्या फ़ैसला दिया।
महाराष्ट्र में शरद पवार गुट ने कांग्रेस में विलय की खबरों को किया खारिज। चुनाव आयोग से नया चुनाव चिन्ह मांगा है। पार्टी ने कहा कि हम एमवीए के साथ चुनाव लड़ेंगे।
शरद पवार ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह के पूरा होने के बाद अयोध्या में राम मंदिर जाने का ऐलान किया है। शरद पवार के अलावा तमाम विपक्षी नेता पहले ही 22 जनवरी को अयोध्या न जाने की घोषणा कर चुके हैं। जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सोनिया गांधी प्रमुख हैं। इसके अलावा ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, सीताराम येचुरी भी ऐसी ही घोषणाएं कर चुके है। पूरा विपक्ष इस बात पर नाराज है कि अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह को राजनीतिक कर दिया गया है। दो शंकराचार्य भी इसी मुद्दे पर ऐतराज कर चुके हैं।
महाराष्ट्र में मराठा कोटे की मांग को लेकर 20 जनवरी से मुंबई में प्रदर्शन की चेतावनी देने वाले मनोज जरांगे पाटिल क्या प्रदर्शन कर पाएँगे? जानिए, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री ने अब क्या चेतावनी दी है।