दिल्ली का एक्यूआई रविवार को 259 था। दिवाली के दिन यह 312 तक पहुँच गया और दिवाली के बाद मंगलवार सुबह कई जगहों पर यह क़रीब 350 के आसपास रहा। एक्यूआई यानी ख़राब हवा मापने का पैमाना। देखा जा सकता है कि दिवाली पर पटाखों के बाद हवा में 'ज़हर' काफ़ी ज़्यादा बढ़ गया। तो सवाल है कि ख़राब हवा की इतनी चिंता क्यों? क्यों पटाखों पर पाबंदी लगाई गई? और जब पाबंदी लगाई गई तो फिर हवा बेहद ख़राब क्यों हो गई?
पटाखों की चकाचौंध तो ठीक है; ख़राब हवा से 17 लाख मौतें भी न भूलें!
- विविध
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- 25 Oct, 2022
बेहिसाब पटाखे जलाएँ या फिर जानलेवा ख़राब हवा के डर से सावधानियाँ बरतें? ये सवाल इसलिए क्योंकि पटाखे जलाने के बाद हवा बेहद ख़राब हुई है और ख़राब हवा से मौतें होती हैं।

ख़राब हवा की चिंता है, क्योंकि यह जानलेवा है? ख़राब हवा किस हद तक असर करती है और यह कितने लोगों की जानें लेती है, इस पर चर्चा बाद में, पहले यह जान लें कि पिछले दो दिनों में दिल्ली जैसी राष्ट्रीय राजधानी में हुआ क्या है।