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लॉकडाउन से शंघाई में हालात बेकाबू, खाने को तरस रहे लोग!

भारत में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में जिस तरह का मानवीय संकट दिखा था उसी तरह के हालात चीन के शंघाई में अब दिख रहे हैं। देश की आर्थिक राजधानी शंघाई में रिकॉर्ड संक्रमण के मामले आ रहे हैं और इस वजह से बेहद सख़्त लॉकडाउन लगाया गया है। अब वहाँ लोगों के लिए कोरोना संक्रमण से ज़्यादा घातक सख़्त लॉकडाउन ही लगने लगा है। हालात बेकाबू होने की तसवीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर भी सामने आ रहे हैं। लोगों के पास खाने के सामान ख़त्म हो गए हैं। कॉलोनियों और गगनचुंबी इमारतों के अपार्टमेंट में बंद लोग अपने घरों से चीख-चिल्ला रहे हैं। 

सोशल मीडिया पर साझा की गई तसवीरों में भी देखा जा सकता है कि शंघाई में लोगों की हालत कितनी ख़राब है। ट्विटर पर साझा की गई एक तसवीर के साथ लिखा गया है 'साइलेंट प्रोटेस्ट'। तसवीर में फ्रीज पूरी तरह से खाली दिखता है और उसमें खाने का सामान कुछ भी नहीं है। 

चीन के शंघाई में कोविड -19 मामले कम होने के कोई संकेत नहीं हैं। कथित तौर पर वहाँ भोजन, पानी और अन्य ज़रूरी चीजें बेहद कम पड़ गई हैं। कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि कई लोगों ने कहा है कि वे भुखमरी के कगार पर हैं। सोशल मीडिया पर लोगों के बालकनी और खिड़कियों से चिल्लाने के वीडियो वायरल हो रहे हैं। लोग भोजन और चिकित्सा देखभाल की कमी के बारे में शिकायत कर रहे हैं।

ऑस्ट्रेलिया फाइनेंशियल रिव्यू के लिए उत्तर एशिया के कोरेस्पोंडेंट माइकल स्मिथ ने एक वीडियो ट्वीट कर लिखा है, 'शंघाई में स्थिति भयावह है। लाखों लोगों के खुद का पेट भरने के लिए संघर्ष करने, बुजुर्गों को दवा नहीं मिलने, छोटे-छोटे दंगों के वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित होने की ख़बरें हैं। कई परिवार अपर्याप्त सरकारी खाद्य वितरण पर निर्भर हैं।'
सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले प्रसिद्ध महामारी विज्ञानी एरिक फीगल-डिंग ने एक वीडियो साझा करते हुए लिखा है, 'शंघाई में लगातार 7 दिनों के लॉकडाउन के बाद के शहर के निवासी ऊँची-ऊँची इमारतों के अपार्टमेंट से चिल्ला रहे हैं। बोलने वाले को चिंता है कि बड़ी समस्याएँ होंगी। (शंघाई की बोली में - वह भविष्यवाणी करता है कि लोग अधिक समय तक नहीं टिक सकते- उसका तात्पर्य त्रासदी से है)।

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा है, 'ब्रेकिंग- बीए.2 पर चीन की पकड़। चीन में कम से कम 23 शहर पूर्ण या आंशिक रूप से बंद हैं- 193 मिलियन से अधिक निवासियों वाले शहर। पूरे शंघाई में भी भोजन की कमी। डॉक्टर और नर्स भी थक गए। यह डॉक्टर गिर गया और आइसोलेशन सेंटर पर रोगियों द्वारा उसे ले जाया गया।'

लेखक और रेडियो होस्ट पैट्रिक मैड्रिड ने 9 अप्रैल को ट्वीट किया है, '...यह वीडियो कल चीन के शंघाई में मेरे एक करीबी दोस्त के पिता द्वारा लिया गया था। उसने इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि की: संपूर्ण लॉकडाउन के एक सप्ताह के बाद लोग अपनी खिड़कियों से बाहर चिल्ला रहे हैं। किसी भी कारण से आप अपने अपार्टमेंट से बाहर नहीं जा सकते हैं।'

एक व्यक्ति ने कथित तौर पर शंघाई में कोविड लॉकडाउन नियमों का उल्लंघन किया और एक पुलिसकर्मी से संपर्क किया, उसे गिरफ्तार करने की भीख मांगी ताकि उसे जेल में कुछ खाने को मिले। एक ट्विटर यूजर ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करते हुए कहा, 'शंघाई में इस शख्स ने जानबूझकर कोविड लॉकडाउन का उल्लंघन किया और पुलिस वाले से गिरफ्तार करने के लिए संपर्क किया ताकि वह कुछ खाने के लिए जेल में रहे।'

'वाल स्ट्रीट सिल्वर' नाम के वेरिफाइड यूज़र ने एक वीडियो साझा करते हुए लिखा है, 'शंघाई में लोग भूखे मर रहे हैं, लेकिन रसद के गोदामों में सारा खाना बर्बाद हो रहा है। यह मानव निर्मित आपदा है।'

चीन की वाणिज्यिक राजधानी शंघाई ने बुधवार को पहले ही चेतावनी दी थी कि जो कोई भी कोविड -19 लॉकडाउन नियमों का उल्लंघन करेगा, उससे सख्ती से निपटा जाएगा। ऐसी चेतावनी बार-बार दोहराई जा रही है। शंघाई में पिछले कई दिनों से सख़्त लॉकडाउन लगा है। 
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क़मर वहीद नक़वी
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