कोरोना वायरस मरीज़ों के इलाज के लिए जिस दवा से उम्मीदें बंधी थीं उन पर संदेह के बादल छा गए हैं। अनजाने में जारी कर दिए गए एक रिपोर्ट के मसौदे में कहा गया कि पहले क्लिनिकल परीक्षण में दवा फ़ेल रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट पर वह मसौदा दिखा था, लेकिन बाद में वह ग़ायब हो गया। हालाँकि, दवा का ट्रायल करने वाली कंपनी का कहना है कि इस ट्रायल के काफ़ी प्रभावी फ़ायदे दिखे हैं। इसका एक मतलब यह भी निकाला जा रहा है कि दवा विफल नहीं हुई है और उम्मीद अभी भी बंधी हुई है। कंपनी ने भी कहा है कि अभी ट्रायल जारी रहेगा।
ग़लती से जारी रिपोर्ट में कहा- कोरोना दवा का ट्रायल फ़ेल; क्या उम्मीद बाक़ी?
- दुनिया
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- 24 Apr, 2020
कोरोना वायरस मरीज़ों के इलाज के लिए जिस दवा से उम्मीदें बंधी थीं उन पर संदेह के बादल छा गए हैं। अनजाने में जारी कर दिए गए एक रिपोर्ट के एक मसौदे में कहा गया कि पहले क्लिनिकल परीक्षण में दवा फ़ेल रही है।
