नीतीश कुमार कभी भी किसी के लिए ग़लत भाषा का इस्तेमाल करते नहीं देखे गए हैं। उन्हें शांत, सोच-समझ कर बोलने वाला राजनीतिज्ञ माना जाता है। लेकिन बीते कुछ दिनों में वह कई बार आपा खो चुके हैं।
बीजेपी में इस बात पर बहस शुरू हो गई है कि विधानसभा चुनाव में पार्टी का चेहरा कौन होगा। इसे लेकर पार्टी में नेता आमने-सामने हैं और यह बात केंद्रीय स्तर तक पहुंच चुकी है।
पिछले साल महाराष्ट्र में जब शिव सेना ने बीजेपी का साथ छोड़कर कांग्रेस और एनसीपी के साथ जाकर सरकार बनाई थी, तब यह सवाल उठा था कि क्या यह सरकार अपना कार्यकाल पूरा कर पाएगी।
फ़िल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में उनकी एक्स गर्लफ़्रेंड रिया चक्रवर्ती को जिस तरह निशाने पर लिया गया, उससे पश्चिम बंगाल के कुछ राजनीतिक दलों और आम लोगों में नाराज़गी दिखती है।
मुंबई की जिस फ़िल्म इंडस्ट्री में शिव सैनिकों का ख़ौफ़ माना जाता है, वहां बाहर से आई एक फ़िल्म अभिनेत्री कंगना रनौत ने किसी शिव सैनिक को नहीं सीधे उनके मुखिया को ललकारा है।
बरसों से पंजाब और हरियाणा के बीच घमासान का केंद्र बने सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर का जिन्न एक बार फिर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बयान के बाद बाहर निकल आया है।
राजस्थान की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई है कि पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के ख़िलाफ़ प्रताप सिंह बाजवा ने पहले से जारी अपनी मुखालफ़त को और तेज़ कर दिया है।
कांग्रेस में चल रहे नेतृत्व संकट के मसले पर पार्टी नेता अब खुलकर बोल रहे हैं। अभिषेक मनु सिंघवी के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री शथि थरूर ने भी इसे लेकर बेहद तीख़ा बयान दिया है।