संजय राय पेशे से पत्रकार हैं और विभिन्न मुद्दों पर लिखते रहते हैं।
भारत सरकार ने क़रीब 34 साल बाद देश में नयी शिक्षा नीति की घोषणा की है और साथ ही यह वादा किया है कि वह इसके लिए देश की जीडीपी का छह फ़ीसदी हिस्सा ख़र्च करेगी। क्या इससे बदलेंगे हालात?
चुनाव आयोग द्वारा सोशल मीडिया का काम भारतीय जनता पार्टी की आईटी सेल के पदाधिकारी से जुड़ी एजेंसी को दिए जाने का मामला अब राजनीतिक रंग लेने लगा है।
क्या चुनाव आयोग ने साल 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सोशल मीडिया पर अपने कामकाज को देखने के लिए बीजेपी की आईटी सेल को नियुक्त किया था?
महाराष्ट्र का किसान पानी से सस्ता दूध बेचने को मजबूर है, क्या यह आपको पता है? दुग्ध उत्पादक किसान 17 से 25 रुपये प्रति लीटर से दूध बेचने को मजबूर हैं, भले आप रोज़ सुबह इसी दूध को 50 रुपये या उससे अधिक भाव में खरीदते हों।
क्या सत्ता का समीकरण बनाने-बिगाड़ने का राजनीतिक पार्टियों का संघर्ष देश के संघीय ढाँचे के लिए ख़तरा बनता जा रहा है?
महाराष्ट्र में ऑपरेशन लोटस चलेगा या घर वापसी होगी! यह सवाल इन दिनों प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
क्या राजस्थान में सत्ता परिवर्तन के खेल के तार मुंबई और महाराष्ट्र से जुड़े हैं?
इन दिनों जब राजस्थान की राजनीति की बिसात पर शह और मात का खेल चल रहा है, ऐसे में ‘महारानी’ कहां हैं, यह सवाल अब चर्चा का विषय बनता जा रहा है!
राजस्थान में अशोक गहलोत के ख़िलाफ़ सचिन पायलट का अब तक का हर दांव ग़लत साबित हुआ है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि ‘ऑपरेशन कमल’ सत्ता का खुला दुरुपयोग है और यह घमंड की राजनीति का परिचायक भी है।
आज फिर एक बार देश को मनमोहन सिंह जैसे नेता की ज़रूरत है, यह कांग्रेस नहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रमुख शरद पवार का कहना है।
क्या कोरोना और चीन सीमा पर तनाव को लेकर घिरी मोदी सरकार के ख़िलाफ़ ग़ैर भाजपाई दलों को एक साथ लाने के किसी नए फ़ॉर्मूले पर पवार सक्रिय हैं?
चीन का मीडिया माओ से ज्यादा जिनपिंग की तारीफों के पुल बांधता रहता है और माओ के सिद्धांतों को अप्रासंगिक लिखने तक की हिम्मत दिखा रहा है।
महाराष्ट्र में अर्थव्यवस्था पर कोरोना का असर कितना ज़्यादा है इसका अंदाज़ा इससे लगाया जा सकता है कि महाराष्ट्र में सैलरी संकट गहराने की आशंका है।
गणेशोत्सव मंडल लाल बाग़ का राजा ने इस साल भगवान गणपति की प्रतिमा नहीं बिठाने का निर्णय किया है।
महाराष्ट्र में 31 जुलाई तक लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है। अब तक जिस तरह ज़रूरी वस्तुओं की दुकानें (दूध, सब्जी और दवाइयां) खुलती रही हैं, उसी तरह उन्हें छूट जारी रहेगी।
दही हांडी पर कोरोना का असर इतना ज़्यादा है कि इस बार मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र में गोविंदा आला रे नहीं गूँजेगा। राज्य में पहली पार दही हांडी उत्सव नहीं होगा।
मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) आयुक्त इकबाल चहल ने दावा किया है कि जुलाई मध्य तक मुंबई में कोरोना के मामलों पर पूरी तरह नियंत्रण की योजना बनाकर काम किया जा रहा है।
क्या हम आज भी भारत-चीन रिश्तों में बनावटी माहौल में जी रहे हैं? करीब 45 साल बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच ख़ूनी टकराव हुआ।
कोरोना संक्रमण के मामले में मुंबई में प्रशासन को जो बड़ी सफलता मिली है वह है एशिया की सबसे बड़े स्लम धारावी में। पहले की तुलना में कोरोना वायरस के मामले अब काफ़ी कम हो गए हैं।
कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई कैसे लड़ें, इस बारे में चीन से सीखना चाहिए। लेकिन भारत में तमाम लॉकडाउन के बाद भी संक्रमण बेतहाशा बढ़ा है और लाखों लोग बेरोजगार हो चुके हैं।
‘संपूर्ण क्रांति : सिंहासन खाली करो कि जनता आती है’ पाँच जून, 1974 को पटना के गाँधी मैदान में विशाल जन सैलाब के समक्ष जयप्रकाश नारायण ने जब यह नारा दिया।
देश के गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस के ‘साठ साल पर मोदी के छह साल भारी’ कहकर पीठ थपथपाई है। मोदी सरकार के छह सालों का सफर देखें तो वह ‘अच्छे दिन के नारे से शुरू होकर आत्मनिर्भर बनने के नारे’ तक पहुँची है।
क्या मुंबई से लॉकडाउन हटाने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से महाराष्ट्र सरकार पर दबाव डाला जा रहा है?
प्रदेश में कोरोना का संकट दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है और देश के एक तिहाई से ज़्यादा संक्रमण और उसकी वजह से होने वाली मौत के आँकड़े महाराष्ट्र से ही हैं। तो क्या महाराष्ट्र सरकार कुछ नहीं कर रही है?
कोरोना महामारी के संकट के दौरान जब लाखों श्रमिक महानगरों को छोड़कर जा रहे हैं, ऐसे में रेल को लेकर केंद्र व राज्य सरकारों के बीच हो रही राजनीति बेहद दुखद है।