कहा जाता है राजनीति समझनी हो तो इतिहास को पढ़ना और उससे सबक लेने चाहिए। लेकिन भारत-चीन रिश्तों में जो चल रहा है, उसमें यह कहीं नज़र नहीं आ रहा कि हमने इतिहास से कोई सबक लिया है। हमारे नेता इतिहास के गड़े मुर्दे उखाड़ने में तो व्यस्त नज़र आते हैं, लेकिन ऐसा लगता नहीं की उन्होंने उनसे कुछ सबक भी हासिल किये हैं।

क्या हम आज भी भारत-चीन रिश्तों में बनावटी माहौल में जी रहे हैं? करीब 45 साल बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच ख़ूनी टकराव हुआ।