इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा के ख़िलाफ़ लगे भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के बाद संसद के मानसून सत्र में उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया जा सकता है। यह मामला तब शुरू हुआ जब मार्च 2025 में उनके दिल्ली स्थित सरकारी आवास में आग लगने के बाद वहाँ से भारी मात्रा में जली हुई नकदी बरामद की गई। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की एक जाँच समिति ने जस्टिस वर्मा को दोषी ठहराया था। इसके बाद तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने उनकी बर्खास्तगी की सिफारिश की थी। अब जस्टिस वर्मा ने इस जांच समिति की रिपोर्ट और महाभियोग की सिफारिश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
कैश कांड: जस्टिस वर्मा पहुँचे SC; हटाने के लिए लोकसभा में आएगा महाभियोग प्रस्ताव?
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- 18 Jul, 2025
Justice Verma Cash row: कैश कांड में फँसे जस्टिस यशवंत वर्मा सुप्रीम कोर्ट क्यों पहुंचे? क्या इसलिए कि लोकसभा में उनके ख़िलाफ़ महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी है? जानिए कानूनी प्रक्रिया क्या है।

14 मार्च 2025 को जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली के तुगलक क्रीसेंट स्थित सरकारी बंगले में आग लग गई थी। आग बुझाने के लिए दमकल विभाग और पुलिस पहुँची और उसी दौरान घर के स्टोररूम में जली हुई नकदी के ढेर बरामद हुए। जाँच में पता चला कि ये नकदी 500 रुपये के नोटों की थी और यह बड़ी मात्रा थी। जस्टिस वर्मा ने दावा किया कि उन्हें इस नकदी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी और यह उनके या उनके परिवार द्वारा नहीं रखी गई थी। उन्होंने इसे उनके ख़िलाफ़ साज़िश बताया।