‘सुन्दर और सुशील कन्या चाहिये’हमारे अख़बारों के वैवाहिक विज्ञापन ऊपर लिखे वाक्य के साथ मुनादी किया करते हैं। यह दीगर बात है कि इन विज्ञापनों में कन्या की चारित्रिक शुद्धता खुले रूप में चिन्हित नहीं की जाती। ‘सुशील’ शब्द कई गुणों की भरपाई करता है।