कोरोना महामारी के ख़िलाफ़ इस जंग में देश को सरकारी अस्पतालों का ही सहारा है क्योंकि प्राइवेट अस्पतालों का जैसा सहयोग इस वक्त मिलना चाहिए था, वह सिरे से नदारद है। कहा जा सकता है कि प्राइवेट अस्पताल कोरोना संक्रमितों के इलाज़ से नाक-मुंह सिकोड़ रहे हैं।