देश में आम चुनाव 2024 की घोषणा 16 मार्च को हुई। अगर आप 16 मार्च से पहले पीएम मोदी के भाषणों को देखें तो उसकी थीम या मुद्दों का इस्तेमाल अलग था। लेकिन 16 मार्च को चुनाव की तारीख जारी होने के बाद न सिर्फ उनके मुद्दे बदलते गए, बल्कि संवाद की अदायगी भी बदल गई। कांग्रेस का चुनावी घोषणापत्र 5 अप्रैल को आया था। तब तक भाजपा का घोषणापत्र या संकल्प पत्र नहीं आया था। लेकिन मोदी ने 6 अप्रैल से सहारनपुर रैली से फिर से मुद्दों की प्राथमिकता और सुर को बदला। कैसे वो हिन्दू-मुसलमान पर उतरे, कैसे वो आरक्षण और संविधान पर सफाई देते रहे और कैसे वो इन्हीं विषयों के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार बताते रहे, बहुत जल्दी का मोदी के भाषणों का इतिहास है। इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने 17 मार्च से 15 मई तक मोदी के 111 भाषणों का विश्लेषण किया है। ये सारे भाषण नरेंद्रमोदी डॉट इन पर मौजूद हैं।
मोदी के 111 भाषणों के मुख्य मुद्दे क्या थे, कितनी बार हिन्दू-मुसलमान किया, जानिए
- देश
- |
- 29 Mar, 2025
नेताओं के भाषण अगले दिन इतिहास बन जाते हैं। वे जनता की याददाश्त का फायदा उठाकर चार दिन बाद कह देते हैं कि उन्होंने ऐसा नहीं कहा था। लेकिन मीडिया में उनके भाषण कहीं न कहीं दर्ज होते रहते हैं। मोदी ने अपने कई इंटरव्यू में कहा कि वे अपने चुनावी भाषण में हिन्दू-मुसलमान नहीं करते। लेकिन मोदी ने सच नहीं बोला। इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने उनके 111 भाषणों का विश्लेषण कर पता लगाया कि मोदी ने कौन से मुद्दे पर कितनी बार बोला। देश में चुनाव अभी चल रहे हैं। मोदी के दावों का सच जानने के लिए इस रिपोर्ट को पढ़िएः
