न्यायमूर्ति विजया ताहिलरमानी के तबादले पर उठे विवाद और हाई कोर्टों के दो अन्य जजों के तबादले के विरोध के बाद अब सुप्रीम कोर्ट कॉलीजियम ने गुरुवार को एक अभूतपूर्व बयान जारी किया है। केंद्र सरकार को जारी किए गए बयान में कहा गया है कि जजों के तबादले के लिए इसकी सिफ़ारिश न्याय के बेहतर प्रशासन के लिए ज़रूरी थे। इसमें यह भी कहा गया है कि सिफ़ारिशों में बदलाव संभव नहीं थे और ज़रूरी होने पर इसके कारणों को सार्वजनिक करने से वह नहीं हिचकिचाएगा।
जजों के तबादले बेहतरी के लिए, बदलाव संभव नहीं: कॉलीजियम
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- 29 Mar, 2025
न्यायमूर्ति विजया ताहिलरमानी के तबादले पर उठे विवाद व हाई कोर्टों के दो अन्य जजों के तबादले के विरोध के बाद अब सुप्रीम कोर्ट कॉलीजियम ने एक अभूतपूर्व बयान जारी किया है।

बता दें कि अलग-अलग हाई कोर्टों के तीन जजों के तबादले को लेकर वकीलों ने विरोध किया है। सबसे ज़्यादा विरोध मद्रास हाई कोर्ट की चीफ़ जस्टिस न्यायमूर्ति विजया ताहिलरमानी के अपेक्षाकृत छोटे मेघालय हाई कोर्ट में ट्रांसफ़र को लेकर है। इस घटनाक्रम के बाद न्यायमूर्ति ताहिलरमानी ने इस्तीफ़ा दे दिया है। इसके बाद यह राष्ट्रीय बहस का मुद्दा बन गया। पूर्व में सुप्रीम कोर्ट का जज और सुप्रीम कोर्ट कॉलीजियम का हिस्सा रहे जस्टिस मदन बी लोकुर ने एक लेख लिखकर तबादलों की आलोचना की थी और इसकी प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे। इन्हीं परिस्थितियों में सुप्रीम कोर्ट कॉलीजियम का यह बयान आया है।