विकास दर के जो तिमाही आँकड़े आए हैं वे पहली नज़र में आकर्षक नहीं भी लग सकते हैं। इस वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था 20.1 फ़ीसदी की रफ्तार से बढ़ी है, और सिर्फ़ संख्या की नज़र से देखें तो यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है। लेकिन अगर आप यह सोच कर देखें कि पिछले वर्ष इसी तिमाही में हमारी अर्थव्यवस्था 24 फ़ीसदी तक गोता लगा गई थी तो तसवीर कुछ और ही दिखती है।

हमें जो विकास दर के ताज़ा आँकड़े मिले हैं उसे इस देश ने सरकार की निष्क्रियता के बावजूद हासिल किया है। अर्थव्यवस्था के ये आँकड़े एक बात और भी बताते हैं। पिछले वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में नतीजे इसलिए भी ख़राब रहे कि पूरे देश में बिना सोचे-समझे एक कड़ा लॉकडाउन लागू कर दिया गया था।
अगर किसी तिमाही में विकास दर बहुत ज़्यादा लुढ़क जाती है तो अगले साल उसी तिमाही में वह थोड़ी सी भी सकारात्मक हो जाए तो हमें जो आँकड़ा मिलता है वह बहुत बड़ा दिखता है। सच यह है कि पिछले साल इसी तिमाही में हमने जो गंवाया था, अभी तक उसे ही हासिल नहीं कर पाए हैं। अगर हम इस तिमाही की तुलना 2019-20 की पहली तिमाही से करें तो उसके मुक़ाबले हम अभी भी लगभग 12 फ़ीसदी पीछे हैं।