डॉलर के मुक़ाबले रुपया गुरुवार को रिकॉर्ड 77.73 के स्तर पर कमजोर होकर बंद हुआ। यह पिछले दस कारोबारी सत्रों में पांचवां रिकॉर्ड कमजोर स्तर पर बंद हुआ है। घरेलू इक्विटी में नकारात्मक रुझान और विदेशी फंड के बाहर जाने के कारण ऐसा हुआ है। रुपये के कमजोर होने का मतलब है कि पहले जितना ही सामान आयात करने के लिए अधिक क़ीमत चुकानी पड़ रही है।
रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर गिरा, जानिए क्या है नुक़सान
- अर्थतंत्र
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- 29 Mar, 2025
डॉलर के मुक़ाबले रुपये के लगातार कमजोर होने के क्या मायने हैं? इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को किस तरह का नुक़सान होता है?

रुपये का कमजोर होना आज भी तब जारी रहा जब दुनिया भर के शेयर बाज़ार लुढ़के हैं। शेयर बाज़ार में यह गिरावट होना मुख्य तौर पर दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों के सख़्त नीतिगत फ़ैसले के कारण बताए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि महंगाई को काबू करने के उन बैंकों के प्रयासों से विकास में बाधा आ सकती है और इस वजह से बाजार आशंकित हैं।