डॉलर के मुक़ाबले रुपया गुरुवार को रिकॉर्ड 77.73 के स्तर पर कमजोर होकर बंद हुआ। यह पिछले दस कारोबारी सत्रों में पांचवां रिकॉर्ड कमजोर स्तर पर बंद हुआ है। घरेलू इक्विटी में नकारात्मक रुझान और विदेशी फंड के बाहर जाने के कारण ऐसा हुआ है। रुपये के कमजोर होने का मतलब है कि पहले जितना ही सामान आयात करने के लिए अधिक क़ीमत चुकानी पड़ रही है।