यूक्रेन पर रूस के हमले को चालीस दिन हो चुके हैं। यूक्रेन की हालत ख़राब है यह तो किसी से छुपा नहीं है, लेकिन जिस रफ्तार से यूक्रेन बर्बाद हो रहा है, उसी रफ्तार से रूस का खजाना भी खाली हो रहा है। युद्ध शुरू होते ही ख़बरें आने लगी थीं कि देश कंगाली की कगार पर पहुँच गया है, शेयर बाज़ार को बंद करना पड़ा और रूसी मुद्रा रूबल की क़ीमत रसातल में चली गई।