कमाल ख़ान का न रहना हम सब के लिए सचमुच स्तब्धकारी और अविश्वसनीय है। अभी कल रात तक वह एनडीटीवी पर मुस्तैदी के साथ ख़बर कर रहे थे। हम लखनऊ वालों के लिए यह विशेष रूप से दुख की घड़ी है। उनके साथ मेरे मैत्रीपूर्ण संबंधों का लंबा सिलसिला है। उनसे मेरा परिचय पत्रकारिता में उनके आने से पहले का है।
कमाल खान का न रहना…
- श्रद्धांजलि
- |

- |
- 14 Jan, 2022


एनडीटीवी के वरिष्ठ पत्रकार कमाल खान का शुक्रवार को निधन हो गया। जानिए लेखक और आलोचक वीरेंद्र यादव उन्हें कैसे याद करते हैं।
उन्होंने अपने करियर की शुरुआत लखनऊ में एचएएल रक्षा प्रतिष्ठान में रुसी से हिंदी अनुवादक/ इंटरप्रेटर के रूप में की थी। इसी दौरान वह वयोवृद्ध क्रांतिकारी शिव वर्मा के संपर्क में आए और कम लोगों को यह पता होगा कि उनकी 'संस्मृतियों' को अंग्रेज़ी में कमाल ख़ान ने ही प्रस्तुत किया था।























