हाल ही में दिवंगत समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव निजी बातचीत में अक्सर कहा करते थे कि नेता तब तक ही सामयिक है जब तक उसके बारे में चर्चा और पर्चा दोनों होते रहे। यानी मीडिया में ख़बर छपे और लोगों में चर्चा हो। नेता जी ये बात अपने ठेठ अंदाज में कही थी लेकिन राजनीति का यही सौ आने सच है। ये सच अब शायद राहुल गांधी ने समझ लिया है। चुनावों में लगातार हार और मेनस्ट्रीम मीडिया व सोशल मीडिया में ट्रोल होने के बाद राहुल गांधी को समझ में आ गया है कि अगर उनको लोगों के बीच अपनी छवि बदलनी है तो कुछ तो करना ही होगा। इसलिए ही वो भारत यात्रा पर निकल पड़े हैं।
राहुल की महाराष्ट्र में पदयात्रा के मायने, सच में कोई फायदा है क्या?
- महाराष्ट्र
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- 14 Nov, 2022

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से क्या कांग्रेस को कुछ फायदा हो रहा है? महाराष्ट्र में कांग्रेस के लिए यह किस तरह का साबित होगा? क्या राहुल की छवि अब बदली हुई दिखेगी?
असल में, नेशनल मीडिया और सोशल मीडिया पर लगातार ट्रोल करके राहुल की छवि एक नासमझ युवा और राजनीति में बेमन से शामिल राजपुत्र की बना दी गयी है। ऊपर से बार-बार हार, कांग्रेस की आपसी कलह। राहुल का अचानक छुट्टी पर चले जाना, सब इसमें तड़के लगाता रहा। इसलिए बीजेपी और उनके समर्थक राहुल के बारे में सही-ग़लत कहते रहे और धीरे-धीरे उनकी छवि नाकारा और नासमझ की बना दी गयी।