हाल ही में दिवंगत समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव निजी बातचीत में अक्सर कहा करते थे कि नेता तब तक ही सामयिक है जब तक उसके बारे में चर्चा और पर्चा दोनों होते रहे। यानी मीडिया में ख़बर छपे और लोगों में चर्चा हो। नेता जी ये बात अपने ठेठ अंदाज में कही थी लेकिन राजनीति का यही सौ आने सच है। ये सच अब शायद राहुल गांधी ने समझ लिया है। चुनावों में लगातार हार और मेनस्ट्रीम मीडिया व सोशल मीडिया में ट्रोल होने के बाद राहुल गांधी को समझ में आ गया है कि अगर उनको लोगों के बीच अपनी छवि बदलनी है तो कुछ तो करना ही होगा। इसलिए ही वो भारत यात्रा पर निकल पड़े हैं।