केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के महँगाई भत्ते पर क़रीब डेढ़ साल के लिए रोक लगा दी। पेंशनरों को भी नहीं छोड़ा। मगर अब जब बड़े दौलतमंदों पर टैक्स लगाने का सुझाव दिया गया तो वह बौखलाई हुई है। सुपर रिच टैक्स का सुझाव देने वाले अधिकारियों से वह ख़फ़ा हो गई है और उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करने का मन बना रही है।
सुपर रिच टैक्स की बात से आगबबूला क्यों है सरकार?
- विचार
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- 27 Apr, 2020

केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के महँगाई भत्ते पर क़रीब डेढ़ साल के लिए रोक लगा दी। पेंशनरों को भी नहीं छोड़ा। मगर अब जब बड़े दौलतमंदों पर टैक्स लगाने का सुझाव दिया गया तो वह बौखलाई हुई है।
ऐसे समय में जब देश न केवल कोरोना महामारी के संकट से गुज़र रहा है, बल्कि अर्थव्यवस्था का भी सत्यानाश हो रहा है, यह एक बहुत ही समझदारी का सुझाव है कि उन लोगों पर कुछ बोझ लादा जाए जो उसे उठा सकते हों।
केंद्रीय राजस्व सेवा के अधिकारियों ने राजस्व बढ़ाने के लिए जो प्रस्ताव पीएमओ, वित्त मंत्रालय और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड को सौंपा है उसमें एक 'सुपर रिच टैक्स' भी है। लेकिन सरकार को यह पसंद नहीं आया है। उसका कहना है कि उनसे सुझाव नहीं माँगे गए थे, तो उन्होंने दिए क्यों।