जिस इसलामिक स्टेट ख़ुरासान ने काबुल हवाई अड्डे पर आत्मघाती हमला कर लगभग पौने दो सौ लोगों को मौत के घाट उतार दिया, उसका असली उद्देश्य खुद को अफ़ग़ानिस्तान की सीमाओं से बाहर निकाल कर मध्य एशिया और भारत में इसलामी ख़िलाफ़त स्थापित करना है।
क्या है इसलामी ख़िलाफ़त जिसकी स्थापना के लिए बना है इसलामिक स्टेट खुरासान?
- विचार
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- 30 Aug, 2021

आज की दुनिया में, जहाँ देशों की सर्वमान्य भौगोलिक सीमाएँ हैं, किसी देश का किसी अन्य देश पर क़ब्ज़ा कर लेना संभव ही नहीं है, तो ऐसे में पूरी दुनिया की बात तो छोड़िए, पूरी मुसलिम बिरादरी की बात भी छोड़िए, कुछ मुसलिम देशों को मिला कर आईएसआईएस मॉडल की किसी इसलामिक ख़िलाफ़त के अधीन लाना अब असंभव है।
यह उसी आईएसआईएस (इसलामिक स्टेट ऑफ़ इराक़ ऐंड सीरिया) का ही एक हिस्सा है, जो पूरी दुनिया में सुन्नत और शरीअत की चरमपंथी व्याख्या पर आधारित इसलामिक साम्राज्य स्थापित करने का इरादा लेकर चला था।
इसलामिक स्टेट ख़ुरासान (आईएस-के) की योजना पहले अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान, उसके बाद मध्य एशिया के देशों ताज़िकिस्तान, कज़ाख़स्तान, किर्गीस्तान, उज़बेकिस्तान व तुर्कमेनिस्तान में इसलामिक ख़िलाफ़त कायम करने की है।
इसलामिक स्टेट ख़ुरासान (आईएस-के) की योजना पहले अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान, उसके बाद मध्य एशिया के देशों ताज़िकिस्तान, कज़ाख़स्तान, किर्गीस्तान, उज़बेकिस्तान व तुर्कमेनिस्तान में इसलामिक ख़िलाफ़त कायम करने की है।