लगता है कांग्रेस के नेता हार से भी सीखना नहीं चाहते। दिल्ली चुनाव में पार्टी का सूपड़ा साफ़ हो गया। बड़ी मुश्किल से वह 4% वोट लेकर आयी। उसके 66 में से 63 उम्मीदवारों की ज़मानत ज़ब्त हो गयी। लेकिन न तो पार्टी में इस पर कोई गंभीर चर्चा है और न ही इस ग़लती से सीखने की कोई चाहत। ऊपर से वह पुरानी ग़लती फिर दोहराने पर तुली है। अब कांग्रेस एक और बड़ी ग़लती करने जा रही है। प्रियंका गाँधी को राज्यसभा में भेजने की तैयारी कर रही है।