इतवार की अलसाई सुबह और दिन के अख़बार। देर तक अख़बार पढ़ना आज भी मुझे अच्छा लगता है। ऑनलाइन से ज़्यादा काग़ज़ के पन्ने मुझे अधिक आकर्षित करते हैं। संडे को वैसे मैं तवलीन सिंह का कॉलम सरसरी नज़र से ही देखता हूँ। पर इस बार उसकी हेडलाइन देख कर पूरा पढ़ गया। तवलीन सिंह अपने समय की तेज-तर्रार रिपोर्टर थीं। आज वरिष्ठ पत्रकार हैं। इंडियन एक्सप्रेस में उन्होंने लिखा, ‘हाउडी मोदी पर टीवी चैनल की कवरेज को देखकर मैं थोड़ा शर्मसार हुई।’ वह लिखती हैं, ‘जब मैंने यह जानने की कोशिश की कि आख़िर हाउडी की रिपोर्टिंग में इतना शर्मनाक हिस्टीरिया क्यों पैदा किया गया तो मुझे पता चला कि यह एक तरह की कोशिश थी, यह बताने की कि भारत के नेता को पाकिस्तान के नेता की तुलना में कितना अधिक सम्मान मिला।’