आधुनिक भारतीय इतिहास की हाई-प्रोफाइल जासूसी कहानियों में से एक की कहानी एक वरिष्ठ पत्रकार सुनाते हैं। वर्ष 1994 के आस-पास की यह कहानी ‘इसरो स्पाई स्टोरी’ के नाम से प्रसिद्ध है। यह कहानी मालदीव की दो महिलाओं के इर्द-गिर्द घूमती है, जिन्होंने कथित तौर पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों सहित भारत सरकार के कई महत्वपूर्ण सरकारी अधिकारियों और कर्मियों का एक नेटवर्क बनाने के लिए अपने जासूसी कौशल का इस्तेमाल किया था। इस कहानी के अनुसार, इस जासूसी नेटवर्क की मदद से इसरो के बेहद संवेदनशील रहस्यों को चुराने के प्रयास किये गये। इस चर्चित जासूसी कांड के केंद्र में एस. नांबी नारायणन नाम का एक बेहद प्रतिभाशाली रॉकेट वैज्ञानिक था।
राजनीतिक वर्ग के हाथों में एनएसए, यूएपीए बंदूक़ जैसे अनियंत्रित हथियार!
- विचार
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- 25 Jun, 2021

यूएपीए में गिरफ़्तारी के बाद ज़मानत पर रिहा हुए देवांगना, नताशा और तन्हा।
पिछले हफ्ते दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली दंगों के मामले में आरोपी नताशा नरवाल, देवांगना कलिता और आसिफ इक़बाल तन्हा की ज़मानत याचिका की जाँच की। इन सभी पर कड़े ग़ैर-क़ानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत वैसे बेहद गंभीर आरोप लगाए गए हैं जो विशेष रूप से आतंकवादियों के ख़िलाफ़ लगाये जाते हैं।
उस वरिष्ठ पत्रकार ने एक रिपोर्टर के रूप में इस कहानी को कवर करते हुए अपने लेख में इस पूरी कहानी का उल्लेख किया था। इस कांड को कवर करने के क्रम में मद्रास की हवाई उड़ान के दौरान उनकी मुलाक़ात इसरो के एक बड़े वैज्ञानिक से होती है। इस वैज्ञानिक ने बातचीत के क्रम में बताया था कि इसरो एक पारदर्शी संगठन है और वास्तव में यहाँ कुछ भी गोपनीय के रूप में वर्गीकृत नहीं है।
भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी डॉ. अजय कुमार कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। वह समसामयिक विषयों पर लिखते रहते हैं।