आधुनिक भारतीय इतिहास की हाई-प्रोफाइल जासूसी कहानियों में से एक की कहानी एक वरिष्ठ पत्रकार सुनाते हैं। वर्ष 1994 के आस-पास की यह कहानी ‘इसरो स्पाई स्टोरी’ के नाम से प्रसिद्ध है। यह कहानी मालदीव की दो महिलाओं के इर्द-गिर्द घूमती है, जिन्होंने कथित तौर पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों सहित भारत सरकार के कई महत्वपूर्ण सरकारी अधिकारियों और कर्मियों का एक नेटवर्क बनाने के लिए अपने जासूसी कौशल का इस्तेमाल किया था। इस कहानी के अनुसार, इस जासूसी नेटवर्क की मदद से इसरो के बेहद संवेदनशील रहस्यों को चुराने के प्रयास किये गये। इस चर्चित जासूसी कांड के केंद्र में एस. नांबी नारायणन नाम का एक बेहद प्रतिभाशाली रॉकेट वैज्ञानिक था।