आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने आज प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) पर आरोपियों के परिवारों और अन्य लोगों को मारने-पीटने के आरोप लगाए हैं। संजय सिंह का सबसे गंभीर आरोप है कि ईडी के साथ मार-पीट में कुछ अन्य लोग भी शामिल थे यानी प्राइवेट लोग। ईडी को इस मामले में सफाई देनी चाहिए।
राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने के एक दिन बाद मंगलवार को आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में पार्टी के स्वयंसेवकों और समर्थकों का आभार व्यक्त किया। इस दौरान केजरीवाल ने कहा कि 10 साल की छोटी सी अवधि में राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करना 'चमत्कारिक और अविश्वसनीय' उपलब्धि है।
चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को मिलने वाले दर्जे को अपग्रेड किया है और इसके साथ ही आम आदमी पार्टी को बड़ा फायदा हुआ है। लेकिन टीएमसी, एनसीपी और सीपीआई को नुक़सान क्यों हुआ?
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अब पीएम की डिग्री पर सवाल किए जाने को गैर जरूरी मुद्दा बताया है। हाल ही में अडानी मुद्दे पर उन्होंने कुछ ऐसा ही रुख अपनाया था। रंग बदलते पवार विपक्षी एकता के लिए खतरनाक होते जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री को लेकर जानकारी मांगने वाले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को कोर्ट से झटका लगने के बाद भी आम आदमी पार्टी ने 'अपनी डिग्री दिखाओ' अभियान क्यों शुरू किया?
आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविन्द केजरीवाल ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री पर फिर सवाल पूछा। केजरीवाल ने कहा कि गुजरात हाईकोर्ट के आदेश के बाद तो शक और बढ़ गया है।
'मोदी हटाओ, देश बचाओ' वाले जिन पोस्टरों के लिए दिल्ली में क़रीब 100 एफ़आईआर दर्ज की गई थी अब वैसे ही पोस्टरों के मामले में गुजरात में गिरफ़्तारी हुई है। जानिए, उन पर क्या आरोप लगाए गए हैं।
अरविंद केजरीवाल ने सीधे प्रधानमंत्री मोदी पर हमला किया। उनका नाम लेकर। ऐसा हमला उन्होंने शायद ही पहले किया हो। देश को लूटने तक का आरोप लगा दिया। जानिए और क्या क्या कहा।
दिल्ली में पीएम मोदी के खिलाफ पोस्टर लगाने पर बड़े पैमाने पर एफआईआर दर्ज की गई है और 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दो साल पहले भी मोदी विरोधी पोस्टर दिल्ली में नजर आए थे। आखिर कौन है इसके पीछे, जानिएः
जेल में बंद आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। सीबीआई ने अब उनके खिलाफ जासूसी वाले मामले में केस दर्ज किया है। सिसोदिया इस समय दिल्ली के शराब घोटाले में जांच का सामना कर रहे हैं और जेल में हैं।
मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी सही या गलत है, इसका फैसला बहुत देर से आएगा। लेकिन जिस तरह और जिस अंदाज में यह पूरा मामला सामने आया है, उससे भारतीय लोकतंत्र के सहज होने के संकेत नहीं हैं। सिर्फ विपक्ष को भ्रष्ट साबित कर या घोषित कर अपने गिरेबान में न झांकने का यह तानाशाही अंदाज बहुत गंभीर खतरे की तरफ इशारा है।