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केजरीवाल, सिसोदिया जैसे आप के अधिकतर बड़े नेता कैसे हार गए?

दिल्ली चुनाव में आप को बड़ा झटका लगा है। न सिर्फ़ इसके आम उम्मीदवारों की हार हुई है, बल्कि पार्टी के क़रीब-क़रीब सभी बड़े नेता भी चुनाव हार गए। खुद आप के प्रमुख अरविंद केजरीवाल अपनी सीट नहीं बचा सके। मनीष सिसोदिया से लेकर सत्येंद्र जैन, सौरभ भारद्वाज तक अपनी अपनी सीट नहीं बचा सके। 

नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने वाले केजरीवाल बीजेपी के प्रवेश वर्मा से 1200 मतों से हार गए, जबकि उनके पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया को पटपड़गंज में बीजेपी के तरविंदर सिंह मारवाह ने लगभग 600 मतों के अंतर से हराया। हालाँकि, आप के लिए अच्छी ख़बर यह है कि मुख्यमंत्री आतिशी ने कालकाजी से बीजेपी उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी को हरा दिया है और गोपाल राय ने बाबरपुर से जीत दर्ज की है।

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आम आदमी पार्टी के सौरभ भारद्वाज ग्रेटर कैलाश सीट पर बीजेपी की शिखा रॉय से हार गए। आम आदमी पार्टी के अवध ओझा पटपड़गंज सीट बीजेपी के रविंदर सिंह नेगी से हार गए। आम आदमी पार्टी के दुर्गेश पाठक राजिंदर नगर सीट पर बीजेपी के उमंग बजाज से हार गए।

बीजेपी की रेखा गुप्ता ने शालीमार बाग सीट जीत ली और उन्होंने आप प्रतिद्वंद्वी बंदना कुमारी को 29,595 वोटों से हराया। आप की ए धनवती चंदेला राजौरी गार्डन सीट हार गईं। इनके ख़िलाफ़ बीजेपी के मनजिंदर सिंह सिरसा ने जीत दर्ज की। 

रिठाला सीट से आप नेता मोहिंदर गोयल हार गए। उनको बीजेपी के कुलवंत राणा ने हराया। आप की प्रीति जितेंदर तोमर त्रिनगर सीट से हार गईं। बीजेपी के तिलक राम गुप्ता ने उनको हरा दिया। 

आप के शिवचरण गोयल मोती नगर सीट बीजेपी के हरीश खुराना से हार गए। आम आदमी पार्टी के सुरिंदर कुमार सेतिया हरिनगर सीट बीजेपी के श्याम शर्मा से हार गए।

आप के ब्रह्म सिंह तंवर छतरपुर सीट पर बीजेपी के करतार सिंह तंवर से हार गए। आप के रमेश पहलवान कस्तूरबा नगर सीट बीजेपी के नीरज बसोया से हार गए।

आप नेता दिनेश मोहनिया संगम विहार सीट पर चंदन कुमार चौधरी से हार गए। आप के बी बी त्यागी लक्ष्मी नगर सीट बीजेपी के अभय वर्मा से हार गए। आप नेता नवीन चौधरी (दीपू) गांधी नगर सीट बीजेपी के अरविंदर सिंह लवली से हार गए। आप की सरिता सिंह रोहतास नगर सीट पर बीजेपी के जीतेंद्र महाजन से हार गईं। आप नेता अदील अहमद खान मुस्तफाबाद सीट पर बीजेपी के मोहन सिंह बिष्ट से हार गए। आप के मनोज कुमार त्यागी करावल नगर सीट बीजेपी के कपिल मिश्रा से हार गए। आप के मुकेश कुमार गोयल आदर्श नगर सीट बीजेपी के राज कुमार भाटिया से हार गए। आप के रघुविंदर शौकीन नांगलोई जाट सीट पर बीजेपी के मनोज कुमार शौकीन से हार गए।

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जानिए आप की हार की वजहें

आप ने 2015 और 2020 के चुनावों में दिल्ली में बड़ी जीत हासिल की। ​​इसने अपने पहले दो कार्यकालों में स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में प्रभावशाली काम किया। बिजली और पानी की सब्सिडी ने मतदाताओं को खुश रखा और भाजपा ने राष्ट्रीय राजधानी में लोकसभा चुनावों में शानदार जीत हासिल करने के बावजूद विधानसभा चुनावों के दौरान अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए संघर्ष किया। वायु प्रदूषण ने लोगों को परेशान किया। आप ने कई मुद्दों पर दावा किया कि केंद्र की भाजपा सरकार उसके कामकाज में बाधा डाल रही है। लेकिन आप के शासन के दस साल बाद मतदाताओं ने ऐसे आरोपों को बहाने के रूप में देखा। 

'शीश महल' का आरोप

चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल पर बीजेपी का हमला 'शीश महल' पर केंद्रित था। भाजपा के आरोप को और बल देने वाली बात भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की एक रिपोर्ट है। समाचार रिपोर्टों के अनुसार, सीएजी जाँच में पाया गया कि जीर्णोद्धार के लिए प्रारंभिक अनुमान 7.91 करोड़ रुपये था। 2020 में जब काम सौंपा गया तो यह बढ़कर 8.62 करोड़ हो गया। लेकिन जब तक लोक निर्माण विभाग ने 2022 में काम पूरा किया, तब तक लागत बढ़कर 33.66 करोड़ रुपये हो गई थी।

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आप ने 'शीश महल' के आरोप का जवाब 'राजमहल' के नाम पर दिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आलीशान जीवनशैली का आरोप लगाया। लेकिन यह उतना बड़ा मुद्दा नहीं बन पाया।

आप सरकार के मौजूदा कार्यकाल में दिल्ली की अब खत्म हो चुकी शराब नीति में भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर भारी हंगामा हुआ। बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाया कि नई नीति से शराब घोटाला किया गया है। आप ने शराब नीति में किसी भी आरोप से लगातार इनकार किया, जिसे सुधार के एक साल से भी कम समय बाद ख़त्म कर दिया गया था। केंद्रीय एजेंसियों द्वारा जांच के कारण अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह सहित शीर्ष नेताओं को गिरफ्तार किया गया। 

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क़मर वहीद नक़वी
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