यूपी में चल रहे हैं बुलडोज़र ? क्या मुख्यमंत्री खुद बन गये हैं न्यायधीश ? क्यों हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश माथुर ने कहा कि बुलडोज़र घर गिराना अवैध ? क्या ये बुलडोज़र देश की संवैधानिक व्यवस्था के खिलाफ है ? आशुतोष के साथ चर्चा में विकास नारायण राय, फ़िरदौस मिर्ज़ा, अश्विनी शाही और सुनील शुक्ला ।
उत्तरप्रदेश सरकार कब तक बेशर्मी से बुल्डोज़र चलाती रहेगी? कब तक लोकतंत्र और न्याय पर बुल्डोज़र चलता रहेगा और कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा? क्या पीड़ितों की फ़रियाद सुनने वाला कोई नहीं है? अगर सरकारें नहीं सुन रहीं तो क्या न्यायपालिका ने भी अपने कान बंद कर लिए हैं? आख़िर कब जागेंगे मी लॉर्ड, कब रुकेगें बुल्डोज़र?
प्रयागराज में एक्टिविस्ट आफरीन फातिमा की मां परवीन फातिमा का घर जिस तरह गिराया गया है, उसमें प्रयागराज विकास प्राधिकरण के सभी दस्तावेज सरकार की जिद की कहानी को बता रहे हैं। वॉटर टैक्स, हाउस टैक्स आदि समय पर दिया गया है। परिवार दो दशक से यहां रह रहा है लेकिन इससे पहले इस घर को नोटिस भेजने का कोई इतिहास नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट तीन पूर्व जजों, हाईकोर्ट के पूर्व जजों और कई कानूनविदों ने बुलडोजर से प्रदर्शनकारियों के घर गिराने का विरोध किया है। उन्होंने भारत के चीफ जस्टिस को लिखे गए पत्र में इस मामले में हस्तक्षेप का आग्रह किया है। विरोधी की शुरुआत इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस गोविन्द माथुर के उस बयान से हुई थी, जिसमें उन्होंने सत्य हिन्दी के साथ बात करते हुए इसे गैरकानूनी बताया था।
जेएनयू छात्रसंघ ने सोमवार को यूपी भवन पर बाद दोपहर तीन बजे प्रदर्शन की घोषणा की थी। पुलिस ने वहां भारी घेरावबंदी कर दी, ताकि छात्र वहां नहीं पहुंच सकें। लेकिन इसके बावजूद छात्र वहां पहुंचे।
बीएसपी प्रमुख मायावती ने सोमवार को बुलडोजर राजनीति पर महत्वपूर्ण रणनीतिक बयान दिया। इस बयान का सीधा संबंध आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव और यूपी की भावी राजनीति से है।
प्रयागराज में जिस तरह रविवार को वेलफेयर पार्टी के नेता मोहम्मद जावेद की पत्नी परवीन फातिमा का घर गिराया गया, उस इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस गोविन्द माथुर ने अवैध बताया है। पूर्व चीफ जस्टिस की इस टिप्पणी को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसके अलावा भी सुप्रीम कोर्ट और कई अन्य अदालतों में बुलडोजर पॉलिटिक्स को चुनौती दी गई है, जिसमें फैसला आना है। इसके बावजूद यूपी में बुलडोजर आतंक जारी है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बार फिर बुलडोजर चलाया है। लेकिन कश्मीर के आतंकियों पर बीजेपी की सरकार के ये बुलडोजर क्यों नहीं चलते? क्या उसकी नज़र बहुसंख्यकवाद पर है।
जेएनयू कैंपस में छात्र नेता आफरीन फातिमा के समर्थन में प्रदर्शन किया और यह सिलसिला देर रात तक चला। यूपी भवन पर सोमवार को जेएनयू छात्र संघ ने फातिमा के समर्थन में फिर प्रदर्शन आयोजित किया है। जेएनयू अब पूरी तरह आफरीन के समर्थन में आ गया है।
प्रयागराज में रविवार को जेएनयू की जिस पूर्व छात्र नेता आफरानी फातिमा का घर बुलडोजर से गिराया गया है। पुलिस का दावा है कि उसे इस घर से हथियार मिले हैं। इस घर को तोड़े जाने की कार्रवाई लेकर तमाम सवाल उठ खड़े हुए हैं। आफरीन का आरोप है कि उनके परिवार को टारगेट किया गया है।
नूपुर शर्मा विवाद मामले में हिंसा के बाद अब सहारनपुर और कानपुर में बुलडोजर की कार्रवाई क्यों की गई? जानिए कथित अवैध निर्माण के ख़िलाफ़ कार्रवाई में किनके घर ढहाए गए।
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और दिल्ली वाली 'बुलडोजर की कार्रवाई' अब असम में भी पहुँच गई है! जानिए, असम पुलिस ने कई घरों को बुलडोजर से क्यों ढहा दिया और किसके घर ढहाए गए।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने बीजेपी को कड़ा संदेश दिया है। केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी के बुलडजोर नीति से दिल्ली के 63 लाख लोग बेघर हो जाएंगे।
हाल के महीनों में बुलडोजर का इस्तेमाल क्या डर पैदा करने के लिए किया जा रहा है? दिल्ली के जहांगीरपुरी या फिर मध्य प्रदेश के खरगोन में हिंसा के बाद इसका इस्तेमाल क्यों किया गया?