केरल में बमों और गोलियों की बौछार के बीच आरएसएस वहां अपने कदम मजबूती से जमाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। 12 जुलाई को उसके दफ्तर पर बम फेंके जाने की घटना को उसने बहुत ज्यादा महत्व नहीं दिया।
केरल के विधानसभा चुनाव में महज 6 महीने का वक़्त बचा है। ऐसे में बीजेपी मुसलिम-ईसाई समुदाय की इस सोशल इंजीनियरिंग और हिंदू मतदाताओं के ध्रुवीकरण से अपनी सियासी ज़मीन को पुख़्ता करने की कोशिश में है।