अगर राजभर बीएसपी के साथ जाते हैं तो मायावती का कोर वोट बैंक माने जाने वाले दलित और सुभासपा के आधार वाली अति पिछड़ी जातियों और मुसलमानों को मिलाकर उत्तर प्रदेश और विशेषकर पूर्वांचल के भीतर एक नया सियासी समीकरण तैयार हो सकता है।
समाजवादी पार्टी के गठबंधन में शामिल महान दल ने ओमप्रकाश राजभर, स्वामी प्रसाद मौर्य और शिवपाल यादव पर शनिवार को तीखा हमला बोला। पार्टी ने कहा कि इन लोगों को बीजेपी ने प्लांट किया था।
विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही यह चर्चा थी कि ओमप्रकाश राजभर और शिवपाल सिंह यादव सपा गठबंधन से अलग हो सकते हैं। देखना होगा कि दोनों नेताओं का अगला क़दम क्या होगा?
यूपी में पिछड़ों की राजनीति करने वाले ओमप्रकाश राजभर ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव को पहले एसी वाला नेता कहा फिर अपने बयान से यूटर्न ले लिया। राजभर की पार्टी ने पिछला विधानसभा चुनाव सपा गठबंधन के साथ मिलकर लड़ा था और 6 सीटें जीती थीं। लेकिन अब दोनों दलों के बीच दूरियां बढ़ रही हैं।
ओमप्रकाश राजभर ने 2017 में उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव बीजेपी के साथ मिलकर लड़ा था और वह 2 साल तक योगी सरकार में मंत्री रहे थे। अगर राजभर एनडीए में लौटते हैं तो यह सपा गठबंधन के लिए बड़ा झटका होगा।
सुहेलदेव पार्टी के ओमप्रकाश राजभर ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बीजेपी पर उनकी हत्या कराने का आरोप लगाया है। उन्होंने इस संबंध में कल वाराणसी में हुई घटना को जोड़ा है। उनके इस बयान से बीजेपी दहल गई है। राजभर का बयान पूर्वांचल की कई सीटों को प्रभावित कर सकता है।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। राजभर ने यूपी बीजेपी अध्यक्ष से की मुलाक़ात। नाश्ते पर विपक्षी दलों के नेताओं से मिले राहुल, साइकिल से पहुंचे संसद।
ओमप्रकाश राजभर ने यह कहकर उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर दी है कि असदुद्दीन ओवैसी भी उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बन सकते हैं। आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में सीएम तो बन नहीं पाए!
ओम प्रकाश राजभर ने हाल ही में अपने 'भागीदारी संकल्प मोर्चा' की तरफ़ से 5 साल में 5 मुख्यमंत्री और 20 उपमुख्यमंत्री बनाने का ऐलान किया था। राजभर मुसलमानों के बड़े मसीहा के तौर पर उभरेंगे या फिर पिछले चुनाव में जीती हुई अपनी चारों सीटें भी गँवा देंगे?
यूपी में बीजेपी के सहयोगी रहे ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा ने अपनी राहें अलग कर ली हैं। बीते काफ़ी समय से राजभर अपने बयानों से बीजेपी को असहज करते रहे हैं।
योगी सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले 72 लोगों को कैबिनेट व राज्य मंत्री के ओहदे से नवाजा है। अनुप्रिया पटेल और ओमप्रकाश राजभर के लोगों को ख़ासी तरजीह दी गयी है।