कैंब्रिज विश्वविद्यालय में बातचीत के दौरान मोदी सरकार के खिलाफ राहुल गांधी की सख्त टिप्पणी के बारे में बहुत कुछ कहा जा रहा है। दक्षिणपंथी मीडिया ने राहुल के बयानों को "राष्ट्र-विरोधी" करार देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। क्या राहुल को ये बयान भारी पड़ेंगे?
क्या देश पर शासन करने के लिए ED और CBI मुख्य हथियार बन गए हैं? लोकतंत्र में सभी संस्थानों को ED और CBI के दम से खोखला करने की कोशिश? डरा धमका कर चलेगा भारत? Sharat Ki Do Took में CBI, ED के इस्तेमाल पर चर्चा.
सीबीआई ने आज सुबह बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के घर पर छापेमारी की है. संदेश जोरदार और स्पष्ट है - लाइन में लगें या सामना करें। लेकिन इससे बीजेपी को राजनीतिक रूप से कितनी मदद मिलेगी यह लाख टके का सवाल है
बढ़ते अपराध का ग्राफ और हाल ही में इलाहाबाद-अब प्रयागराज में उमेश पाल की दिनदहाड़े सनसनीखेज हत्या-सरकार के बार-बार किए जाने वाले दावों और उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की जमीनी हकीकत के बीच की बड़ी खाई को बयान करती है। फिर भी किसी पुलिस अधिकारी या अधिकारी को जिम्मेदार नहीं ठहराया गया।
फोटो पत्रकारों को यूपी के मार्शल के अलावा किसी ने नहीं पीटा विधानसभा सिर्फ इसलिए क्योंकि वे सदन में धरना दे रहे समाजवादी पार्टी के सदस्यों की तस्वीरें लेने की कोशिश कर रहे थे। बीजेपी राज में पत्रकारों का ये हाल क्यों? Sharat Ki Do Took.
कानपुर देहात मामला : यूपी की महिला कल्याण मंत्री प्रतिभा शुक्ला के पति अनिल शुक्ला का बयान क्या दिखाता है? कानपुर देहात मामले को लेकर सरकार कितनी गंभीर है? Sharat Ki Do Took.
कानपुर देहात मामले में योगी सरकार की छोटे कर्मचारियों पर कार्रवाई न्याय दिलाएगी? क्या बड़ी मछलियों को बचाया जा रहा है? बुलडोज़र कल्चर पर ये दाग़ भारी पड़ेगा?
लखनऊ में 3 दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से 34 लाख करोड़ के निवेश को आकर्षित करने का दावा किया गया है. जोकि अपने आप में चौंकाने वाला है? आखिर इसमें कितनी सच्चाई है?
देश के Animal Advisory Board ने वैलेंटाइन्स डे पर ‘Cow Hug’ day मनाने का निर्देश क्यों दिया है? क्या इसके पीछे दक्षिणपंथी राजनीति है? या कुछ और? Sharat Ki Do Took में इसी पर चर्चा.
स्वामी चिन्मयानंद को बलात्कार के मामलों में कथित संलिप्तता के लिए जाना जाता है। फिर भी यूपी सरकार उनके खिलाफ रेप केस वापस लेकर उनके समर्थन में आने से क्यों नहीं हिचकिचाती? इसी विषय पर चर्चा
अडानी समूह ने खुद को क्लीन चिट देने के लिए पूरा ज़ोर लगा लिया है। लेकिन शेयरों में गिरावट जारी है। उधर बाबा रामदेव की पतंजलि में भी गिरावट शुरू हो गई है। आखिर ये क्या संकेत देते हैं?
निर्मला सीतारमण के 2023-24 के बजट में दी गई रियायतें स्पष्ट रूप से अगले लोकसभा चुनाव में मतदाता को लुभाने के उद्देश्य से हैं। क्या इससे मोदी के तीसरे कार्यकाल की संभावनाएं बढ़ेंगी?
भारत जोड़ो यात्रा में विपक्षी दलों के रिस्पॉन्स से मोदी के लिए अच्छे संकेत? क्या विपक्ष लोकसभा चुनाव 2024 के लिए एतजुट नहीं होगा? अगर ऐसा हुआ तो क्या होगा नतीजा? Sharat Ki Do Took में इसी पर चर्चा