चुनाव की तारीख़ों की घोषणा से पहले ही बीजेपी द्वारा मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद अब तेलंगाना में भी ऐसी ही घोषणा हुई है। जानिए, केसीआर की पार्टी की कैसी है सूची।
कांग्रेस ने आज तेलंगाना में जल्द ही होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए चुनावी बिगुल फूंक दिया। जानिए, इसने राज्य के लिए क्या-क्या घोषणाएँ कीं और बीआरएस पर क्या-क्या हमला किया।
प्रधानमंत्री मोदी के तेलंगाना दौरे से पहले राज्य में बीजेपी प्रमुख की गिरफ़्तारी के क्या हैं मायने? जानिए गिरफ़्तारी और इसके बाद मिली जमानत से क्या है राज्य में हलचल।
तेलंगाना हाईस्कूल पेपर लीक के मामले में तेलंगाना के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और सांसद संजय बांदी को मंगलवार/बुधवार की रात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, बुधवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया गया।
तेलंगाना एसएससी पेपर लीक मामले में प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बंदी संजय कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। बीजेपी एक नेता और एक पूर्व पत्रकार का भी नाम इस मामले में आया है। हालांकि बीजेपी कार्यकर्ताओं ने आरोपों को फर्जी बताते हुए इनके समर्थन में प्रदर्शन किए हैं।
दिल्ली की आबकारी नीति मामले में अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस मामले में के कविता पर जो आरोप है वह यह है कि वे दक्षिण भारत में शराब व्यवसाय के कॉर्टेल में शामिल थीं और एक शराब कंपनी में उनकी 65 प्रतिशत से ज्यादा की हिस्सेदारी है।
इन होर्डिंगों में जिन नेताओं को शामिल किया गया था उसमें हिमंत बिस्वा शर्मा, नारायण राणे, शुभेंदु अधिकारी, सुजाना चौधरी, अर्जुन खोटकर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, ईश्वरप्पा और विरुपाक्षप्पा के चेहरे प्रमुखता से दिखाए गए थे।
तेलंगाना भाजपा अध्यक्ष 'जनम गोसा-भाजपा भरोसा' कार्यक्रम के तहत कुकटपल्ली विधानसभा क्षेत्र के तहत ओल्ड बोइनपल्ली में पार्टी द्वारा आयोजित एक नुक्कड़ सभा को संबोधित कर रहे थे।
प्रधानमंत्री मोदी पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को लेकर इतना गतिरोध क्यों है? जानिए, हैदराबाद विश्वविद्यालय में डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग पर एबीवीपी ने क्या किया।
गणतंत्र दिवस समारोह पर राज्यों में होने वाले राज्यपाल के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मौजूद रहते हैं लेकिन तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर गुरुवार को नजर नहीं आए। जानिए पूरा घटनाक्रमः
तेलंगाना में केसीआर की पार्टी के विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में हाई कोर्ट का फ़ैसले से क्या होगा असर? अब सीबीआई क्या यह पता लगा पाएगी कि विधायकों को खरीदने की कोशिश की गई थी?