अर्से बाद पर्यावरण के मामले में एक अच्छी खबर यह आई कि चीन ने अपने पश्चिमी रेगिस्तान तकलामाकन का फैलाव रोकने के लिए बड़े पैमाने पर पेड़ लगाने की जो मुहिम 1978 में शुरू की थी, उसका 3046 किलोमीटर लंबा घेरेबंदी वाला चरण 28 नवंबर 2024 को पूरा हो गया। सड़कों के किनारे या पहाड़ों के पास थोड़ी नम जमीनों पर लंबी-लंबी पट्टियों में यह काम किया जा रहा है। समूची योजना में कुल 8 करोड़ 80 लाख एकड़ जमीन पर नए जंगल लगाए जाने हैं और 2050 ई. के आसपास यह अपने अंजाम तक पहुंचेगी। आंकड़े समझने के लिए तुलना करनी हो तो भारत की कुल कृषियोग्य भूमि 21 करोड़ 56 लाख एकड़ है और यह दुनिया के और किसी भी देश से ज्यादा है।
दुनिया में एक लाख करोड़ नए पेड़ों की खोज क्यों और कितना ज़रूरी?
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- 29 Mar, 2025

मीडिया से लेकर हमारी डिनर टेबल तक आब-ओ-हवा के सरोकार गायब रहते हैं। जबकि इंसानी ज़िन्दगी के लिए पेड़ कितना ज़रूरी हैं, जिस पर बहस की कोई गुंजाइश नहीं है। वरिष्ठ पत्रकार चंद्र भूषण बता रहे हैं कि दुनिया में पेड़ लगाने की मुहिम कहां तक पहुंची है। आप इस लेख को पढ़कर अपना सरोकार आगे बढ़ा सकते हैं।