Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। MP: BJP ने विधानसभा चुनाव सांसद, केंद्रीय मंत्री भी उतारे, कई चौंकाने वाले नाम। राहुल गाँधी को राजस्थान की जीत पर संशय! गहलोत ने मानी चुनौती
Satya Hindi news Bulletin हिंदी समाचार बुलेटिन । पीएम मोदी ने उर्जित की तुलना 'पैसे के ढेर पर बैठे सांप' से की: पूर्व वित्त सचिव। मूडीज ने 'आधार' की गोपनीयता और सुरक्षा को लेकर चिन्ता जताई
अडानी के कुकर्म सार्वजनिक हो जाने के बावजूद पवार उनसे अपनापा क्यों दिखा रहे हैं वे बार-बार अडानी के साथ दिखकर क्या मोदी-अडानी की मदद नहीं कर रहे हैं क्या उनके इस चरित्र से इंडिया पर बुरा असर नहीं पड़ रहा आख़िर राहुल गाँधी और इंडिया उन्हें रोकते क्यों नहीं वे चुप्पी क्यों साधे हुए हैं क्या शरद पवार इतने ज़रूरी हो गए हैं कि उनका ये महापाप बर्दाश्त किया जाना चाहिए
क्या कांग्रेस वाक़ई एमपी, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना जीत रही है और राजस्थान में बराबर की लडाई है ? क्या राहुल की बात को गंभीरता से लेना चाहिये ? राहुल के आत्म विश्वास का कारण क्या है ? आशुतोष के साथ चर्चा में कार्तिकेय बत्रा, राशिद किदवई, सबा नकवी और लक्ष्मण यादव ।
बसपा सुप्रीमो मायावती का अचानक यू-टर्न और पीएम नरेंद्र मोदी की तीखी आलोचना एक बड़े आश्चर्य के रूप में सामने आई है। चाहे ईडी या सीबीआई की तलवार उनकी गर्दन पर लटक रही हो, वह पिछले कुछ समय से मोदी के लिए 'टीम बी' की भूमिका निभा रही हैं। इसलिए क्या मोदी पर इस अचानक हमले को गंभीरता से लिया जाना चाहिए या एक बड़े खेल के साथ?
सासंद दानिश अली रात भर सो नहीं पाये । लोकसभा में बीजेपी सांसद रमेश विधूडी की गाली-गलौज सुनकर वो अंदर से हिल गये हैं । उन्हें यक़ीन ही नहीं है कि संसद के अंदर उनके साथ ऐसा बर्ताव हो सकता है । आशुतोष ने जाना उनका दर्द ।
अपने सांसद के ग़ाली-गलौज़ पर चुप क्यों हैं मोदी? क्या नई संसद की इससे शर्मनाक शुरुआत कोई हो सकती है? महिला आरक्षण पर अपनी पीठ ठोंक रहे मोदी को क्या रमेश बिधुड़ी की भर्त्सना नहीं करनी चाहिए? क्या सदन का नेता होने के नाते बिधुड़ी के बर्ताव के लिए उन्हें माफ़ी नहीं मांगनी चाहिए? क्या स्पीकर बिरला को उन्हें तुरंत निलंबित नहीं करना चाहिए?
मणिपुर के लोगों की दुर्दशा के प्रति मोदी सरकार द्वारा दिखाई गई घोर उदासीनता किसी को भी आश्चर्यचकित करने पर मजबूर करती है कि क्या सुदूर उत्तर-पूर्वी राज्य उस "नए" भारत का हिस्सा नहीं है जिसके बारे में सत्तारूढ़ भाजपा बात करती रहती है। हिंसा में कोई कमी आना तो दूर, हालात बद से बदतर होते दिख रहे हैं।
महिला आरक्षण बिल पर राहुल गांधी ने मोदी को भी घेर लिया है. वे अब सामाजिक न्याय का सवाल उठाते हुए इसे फौरन लागू की बात कर रहें हैं. वे जातीय जनगणना का सवाल उठा रहे हैं. साफ़ है वे उस कांग्रेस को भी बदल रहें जो मंडल दौर की राजनीति से अलग थी. आज की जनादेश चर्चा.
क्या महिला आरक्षण का दाँव मोदी के लिए उल्टा पड़ गया है? परिसीमन की शर्त ने मोदी सरकार की मंशा पर संदेह क्यों खड़ा कर दिया है? पिछड़ा वर्ग में महिलाओं का आरक्षण न करने से क्या मोदी का पिछड़ा विरोधी चेहरा उजागर हो गया है? बीजेपी के अंदर से ही महिला आरक्षण विधेयक के विरोध के स्वर क्यों उठ रहे हैं? क्या मोदी ने महिला आरक्षण को फिर से लटका दिया है?
सेकुलर और सोशलिस्ट शब्द को भारत के संविधान में 1976 में डाला गया था । लेकिन बुधवार को जब नई संसद में संविधान की कापी दी गई तो उसमें ये दो शब्द ग़ायब थे । ये कहा गया कि पुराना संविधान दिया गया । जबकि परंपरा है लेटेस्ट संविधान की कापी देने की ताकि नये संशोधन में हो ? सवाल उठता है क्या इन दोनों संविधान को हटाने जा रही है मोदी सरकार ?
Satya Hindi news Bulletin हिंदी समाचार बुलेटिन । सिख फॉर जस्टिस ने भारतीय मूल के हिंदुओं से कनाडा छोड़ने को कहा। कनाडा के कुछ इलाकों में भारतीय नागरिकों और छात्रों को न जाने की सलाहः भारत
महिला बिल क्यों अचानक लाया गया ? क्या ये ऐतिहासिक है ? क्यों विपक्ष इसको फ्राड कह रहा है ? क्यों आप इसे छलावा कर रही है ? क्या वाक़ई ये बिल एक धोखा है ? आशुतोष के साथ चर्चा में राकेश सिन्हा, यशोवर्धन आजाद, असलम शीबा फहमी, प्रो रविकांत, जावेद अंसारी और धर्मेंद्र ।
जिस तरह से महिला आरक्षण बिल संसद में पेश किया गया है उससे मोदी की वोट की राजनीति की शैली की बू आती है। यह बाद में सोचा गया और एक हताश कदम था, यह तब दिखाई देने लगा जब अचानक एक विशेष सत्र की घोषणा की गई। इसके अलावा, अगर इस मुद्दे के पीछे कोई ईमानदारी होती, तो मनमोहन सिंह सरकार के दिनों में राज्यसभा द्वारा पारित पहले के विधेयक को पुनर्जीवित किया जा सकता था।
राजस्थान में बीजेपी को लेकर मतदाताओं में उत्साह क्यों नहीं दिख रहा? बीजेपी के दिग्गज नेताओं की रैलियों में भीड़ क्यों नहीं जुट रही? क्या ये वसुंधरा को किनारे लगाने की वज़ह से है? क्या बीजेपी नेतृत्व की रणनीति फेल हो रही है? बीजेपी हाईकमान इतना तनाव में क्यों है?