तालिबान एक बार फिर अफ़ग़ानिस्तान की सत्ता पर काबिज हुआ है। इस बार उसने अपना बदला हुआ रूप दिखाया और कहा कि वह महिलाओं के अधिकारों को नहीं छीनेगा, उन्हें घर से बाहर काम करने और पढ़ने के लिए जाने की इजाजत होगी। साथ ही उसने यह भी कहा कि महिलाओं को यह काम इसलामिक नियमों के दायरे में रहकर करने होंगे।
तालिबान के पांच वादे और इन पर क्या रहा है उसका पुराना रिकॉर्ड?
- दुनिया
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- 21 Aug, 2021
तालिबान ने अपने पहले शासन में अपने राजनीतिक विरोधियों, आम नागरिकों और धार्मिक अल्पसंख्यकों को ठिकाने लगा दिया था। बीते महीनों में भी तालिबान ने कई नागरिकों की हत्या की है।

महिला अधिकार
पिछली बार यानी 1996-2001 के बीच जब तालिबान सत्ता में आया था तो उसने महिलाओं के हक़-हुकूक को बुरी तरह कुचल दिया था। लड़कियां स्कूल नहीं जा सकती थीं, महिलाओं को बाहर निकलने पर पूरे शरीर को ढककर निकलना पड़ता था और बिना पुरूष के साथ के वे घर से बाहर ही नहीं जा सकती थीं। जरा सी चूक होने पर यातनाएं मिलती थीं।