जून 2025 में ईरान और इसराइल के बीच हुए युद्ध ने वैश्विक सुरक्षा को हिलाकर रख दिया। इसराइल ने ईरान के नतांज़, फोर्डो, और इस्फहान परमाणु केंद्रों पर बिना उकसावे के हमले किए, जिसमें अमेरिका ने भी GBU-57 बंकर-बस्टर बमों का इस्तेमाल किया। जवाबी कार्रवाई में ईरान ने इसराइल के तेल अवीव, हाइफा और कतर में अमेरिकी सैन्य अड्डों पर मिसाइलें दागीं। इस युद्ध में सैकड़ों लोग मारे गए, और ईरान की परमाणु सुविधाओं को भारी नुकसान पहुंचा।
बढ़ता परमाणु तनाव और कमज़ोर IAEA
- विश्लेषण
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- 1 Jul, 2025

ईरान, उत्तर कोरिया समेत कई देशों के बढ़ते परमाणु कार्यक्रमों के बीच IAEA की निगरानी क्षमता पर सवाल उठ रहे हैं। क्या अंतरराष्ट्रीय परमाणु संस्था इस तनाव को कम करने में नाकाम हो रही है?
हमले का बहाना IAEA की 12 जून 2025 की रिपोर्ट थी, जिसमें दावा किया गया कि ईरान ने परमाणु अप्रसार संधि (NPT) का उल्लंघन किया और उसके पास 60% तक संवर्धित यूरेनियम है, जो 6-9 परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त है। लेकिन क्या यह रिपोर्ट युद्ध का कारण थी, या महज एक बहाना?