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तेजस्वी किन मुद्दों से घेर रहे बीजेपी को, 'इंडिया' को पहुंचा पाएँगे लाभ?

लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र आरजेडी लीडर और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी को बिहार केंद्रित और स्थानीय मुद्दों पर हर दिन घेर रहे हैं। अपनी ताबड़तोड़ चुनावी जनसभाओं और मीडिया से बातचीत में वह राष्ट्रीय मुद्दों की चर्चा तो ज़रूर कर रहे हैं लेकिन उनका फोकस बिहार के बारे में सवाल पूछने पर है।

उदाहरण के लिए 14 अप्रैल को जारी भारतीय जनता पार्टी के घोषणा पत्र पर टिप्पणी करते हुए तेजस्वी यादव ने पूछा कि इसमें बिहार के लिए क्या है? उन्होंने कहा कि बिहार जैसे गरीब प्रदेश को आगे बढ़ाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के घोषणा पत्र में कुछ भी नहीं है। तेजस्वी ने देश के 60% युवाओं और 80% किसानों की बात उठाई। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के घोषणा पत्र में इस बात का ज़िक्र नहीं है कि नौकरी कितने लोगों को मिलेगी। 

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इसके साथ ही तेजस्वी यादव यह सवाल कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री मोदी बिहार की तरक्की और विकास करने को लेकर किसी योजना की बात क्यों नहीं करते। उनका मानना है कि इस लोकसभा चुनाव में क्षेत्रीय मुद्दे ज़्यादा हावी हैं और जब तक गांव का विकास नहीं होगा तब तक देश का विकास नहीं होगा। 

तेजस्वी यादव बिहार के मुद्दों को लेकर चुनावी सभा कर रहे हैं और बिहार में इंडिया गठबंधन का नेतृत्व कर रहे हैं। उनकी सभाओं में अबतक कांग्रेस का कोई राष्ट्रीय स्तर का नेता शामिल नहीं हुआ लेकिन विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी ज़रूर शामिल हो रहे हैं। दोनों मिलकर बिहार के मुद्दों के साथ-साथ बिहार के खान पान और तौर तरीकों को भी चुनावी गपशप में शामिल कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब बिहार में अपनी पहली चुनावी यात्रा पर जमुई आने वाले थे तब भी तेजस्वी यादव ने स्थानीय मुद्दे को सवाल बनाकर पेश किया था। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा था कि भारतीय जनता पार्टी और मोदी ने दस सालों के शासन में जमुई के लिए क्या किया है। 
तेजस्वी ने चिराग पासवान को भी विकास के मुद्दे पर घेरा था। चिराग पासवान 2014 और 2019 में जमुई सीट से जीते थे और इस बार वह हाजीपुर की सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।

तेजस्वी यादव ने मोदी की जमुई की यात्रा के समय परिवारवाद का मुद्दा भी जानबूझकर छेड़ा था और प्रधानमंत्री से पूछा था कि क्या वह जमुई में परिवारवाद पर बात करेंगे जहां चिराग पासवान के बहनोई और रामविलास पासवान के दामाद अरुण भारती चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी के उम्मीदवार हैं जिन्हें एनडीए का समर्थन मिला हुआ है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव से पहले की बिहार यात्रा में परिवारवाद के मुद्दे पर लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव को घेरा था। 

तेजस्वी यादव ने राजद के घोषणा पत्र के बारे में बताते हुए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और इसके लिए विशेष पैकेज की बात की है। बिहार के लिए विशेष दर्जे और विशेष पैकेज की मांग करने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हैं और ऐसे में तेजस्वी यादव इन मुद्दों को उठाकर उन्हें भी सवालिया घेरे में ला रहे हैं। हालाँकि यह भी देखा जा रहा है कि तेजस्वी यादव नीतीश कुमार पर बहुत ज़्यादा व्यक्तिगत हमले करने से बच रहे हैं और उनके प्रति सम्मान जता रहे हैं।

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राजद ने अपने घोषणा पत्र में कहा है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग लगभग दो दशक पुरानी है। खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई बार इसके लिए अभियान चला चुके हैं कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने भी यह मांग रख चुके हैं लेकिन इस बार वह इस मसले पर चुप्पी साधे हुए हैं। 
राजद के घोषणा पत्र में एक लाख साठ हजार करोड़ की विशेष वित्तीय सहायता की भी बात की गई है। आरजेडी का कहना है कि अगर केंद्र में इंडिया गठबंधन की सरकार बनती है तो इस विशेष पैकेज से 40 लोकसभा क्षेत्रों में विकास का काम किया जाएगा जिससे हर लोकसभा क्षेत्र को 4000 करोड़ रुपए की धनराशि मिलेगी।

एक और स्थानीय मुद्दा जिसकी बात तेजस्वी यादव कर रहे हैं वह है बिजली की बेतहाशा बढ़ती दर के बारे में। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई बार यह कह चुके हैं कि बिहार में फ्री बिजली नहीं दी जाएगी लेकिन तेजस्वी यादव का कहना है कि बिहार में 200 यूनिट फ्री बिजली देने का उनका वादा है। 

बिहार के हक के सवाल के साथ-साथ तेजस्वी यादव नौकरी देने की बात भी जमकर कर रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस बात पर आपत्ति रहती है कि तेजस्वी यादव नौकरी देने का क्रेडिट क्यों ले रहे हैं लेकिन तेजस्वी यादव ने इसका जवाब यह दिया है कि उनके सरकार में आने से पहले नौकरी देने की रफ्तार बहुत धीमी थी। तेजस्वी यादव कह रहे हैं कि इस बार के 17 महीनों में जब वे उपमुख्यमंत्री थे तो लगभग 5 लाख लोगों को नौकरी दी गई और 10 लाख नौकरी देने का वादा इसलिए पूरा नहीं कर पाए कि वह सरकार में नहीं रहे। 

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बिहार में आरजेडी ने जब ‘नौकरी मतलब तेजस्वी यादव’ का नारा दिया तो जदयू को भी जवाब में ‘नौकरी मतलब नीतीश कुमार’ का प्रचार करना पड़ा। 

परिवर्तन पत्र के नाम से जारी आरजेडी के घोषणा पत्र में जो 24 ‘जन वचन’ दिए गए हैं उनमें पहले नंबर पर एक करोड़ नौकरियां देने की बात है। जाहिर है यह नौकरी राष्ट्रीय स्तर पर देने की बात है। कांग्रेस पार्टी भी 30 लाख नौकरी देने की बात कह चुकी है। आरजेडी का कहना है कि इसके अलावा 70 लाख पदों का सृजन कर कुल एक करोड़ नौकरियां दी जाएंगी। 

बिहार में रेलवे की नौकरी के लिए काफी आंदोलन हुए हैं और राजद ने अपने घोषणा पत्र में इसका भी ख्याल रखा है। रेलवे के निजीकरण को रोकने और इसमें नौकरी की संख्या दुगनी करने की बात राजद के घोषणा पत्र में प्रमुखता से कही गई है।

तेजस्वी यादव के भाषणों में लोकसभा चुनाव के साथ-साथ विधानसभा चुनाव की तैयारी की भी झलक मिलती है। उनका यह ऐलान कि गैस सिलेंडर ₹500 में मिलेंगे, दरअसल इस चुनाव की तैयारी का इशारा है।

यह देखना दिलचस्प होगा कि लोकसभा चुनाव में बिहार और स्थानीय मुद्दे को मुद्दा बनाकर तेजस्वी यादव इंडिया गठबंधन को किस हद तक लाभ पहुंचा पाते हैं।

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समी अहमद
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