कांग्रेस ने शुक्रवार को दावा किया है कि 'सेंगोल' के बारे में यह साबित करने का कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है कि ब्रिटिश और भारत के बीच सत्ता के हस्तांतरण के प्रतीक के रूप में इसे सौंपा गया था। इसने कहा है कि लॉर्ड माउंटबेटन, सी राजगोपालचारी और जवाहरलाल नेहरू के बीच 'सेंगोल' के बारे में ऐसा कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है।
'सेंगोल' के सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक होने का दस्तावेजी साक्ष्य नहीं: कांग्रेस
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- 26 May, 2023
नये संसद भवन में 'सेंगोल' को स्थापित करने के लिए बीजेपी की ओर से जो तर्क दिया गया कि यह ब्रिटेन से भारत को सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक था, उसकी सच्चाई पर सवाल खड़ा किया गया है। जानिए कांग्रेस ने क्या संदेह जताया है।

एक ट्वीट में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, '…इस आशय के सभी दावे सतही और आम– बोगस हैं। पूरी तरह से कुछ लोगों के दिमाग में निर्मित और पूरी तरह से वाट्सऐप में फैलाया गया, और अब मीडिया में ढोल पीटने वालों के लिए है।' उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके 'ढोल बजाने वाले' तमिलनाडु में अपने राजनीतिक फायदे के लिए राजदंड का इस्तेमाल कर रहे हैं।