भारत की एक कफ सीरप कंपनी के द्वारा बनाए गए कफ सीरप को लेकर केंद्र सरकार जांच कर रही है। जांच का आदेश विश्व स्वास्थ संगठन यानी डब्ल्यूएचओ के उस अलर्ट के बाद आया है जिसमें गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत को इन कफ सीरप से जोड़कर देखा गया है।
गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत, भारतीय कफ सीरप की जांच के आदेश
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- 6 Oct, 2022
डब्ल्यूएचओ की ओर से जारी अलर्ट में कहा गया है कि प्रयोगशाला में इन उत्पादों के सैंपल की जांच से पता चला है कि इनमें डायथाइलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल मिलाया गया है।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, डब्ल्यूएचओ की ओर से ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को बीती 29 सितंबर को इन कफ सीरप को लेकर अलर्ट भेजा गया था। इसके बाद सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन ने इस मामले में जांच शुरू की।
एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि यह कफ सीरप हरियाणा के सोनीपत में लगी फैक्ट्री मैसर्स मैडन फार्मास्युटिकल लिमिटेड के द्वारा बनाए गए हैं। जांच में यह पता चला है कि इस फर्म ने इन कफ सीरप को सिर्फ गाम्बिया को ही निर्यात किया था। कंपनी की ओर से इस बारे में कोई जवाब नहीं आया है।
द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, हरियाणा सरकार ने इस बात की पुष्टि की है कि इस कंपनी ने ही इन कफ सीरप को बनाया है।