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नीरव मोदी मामले में मेरे लीगल ओपिनियन से कांग्रेस का कोई लेना-देना नहीं: थिप्से

भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी के मामले में डिफ़ेंस विटनेस के रूप में गवाही देने वाले मुंबई हाई कोर्ट के पूर्व जज अभय थिप्से ने बीजेपी के आरोपों पर पलटवार किया है। थिप्से ने आरोप लगाया है कि उनके द्वारा दिए गए साहसी और दमदार फ़ैसलों की वजह से बीजेपी सरकार उन्हें निशाना बनाने की कोशिश कर रही है। थिप्से ने वीडियो लिंक के जरिये नीरव मोदी के मामले में ब्रिटेन की अदालत में गवाही दी थी। 

केंद्रीय क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को आरोप लगाया था कि अभय थिप्से ने नीरव मोदी की प्रत्यर्पण प्रक्रिया में डिफ़ेंस विटनेस के रूप में यह स्टैंड लिया है कि नीरव मोदी के ख़िलाफ़ कोई केस नहीं है। उन्होंने कहा था कि थिप्से ने नीरव मोदी को बचाने की पूरी कोशिश की है। 

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रविशंकर प्रसाद के आरोपों को लेकर ‘इंडिया टुडे’ से बातचीत के दौरान थिप्से ने कहा, ‘ये आरोप पूरी तरह ग़लत हैं और केंद्रीय मंत्री ने ग़ैर-जिम्मेदाराना बयान दिया है।’ उन्होंने कहा, ‘अगर मेरे द्वारा दिए गए पुराने फ़ैसले आपको चुभते हैं और आपको मुझसे शिकायतें हैं और आप कुछ भी बकवास करने का मौक़ा ढूंढते हैं तो ऐसे में क्या किया जा सकता है।’ 

पूर्व न्यायाधीश ने कहा, ‘मैं देखूंगा कि इस बयान (क़ानून मंत्री का) को लेकर क्या किया जा सकता है। मैं सोच-समझकर अगले क़दम के बारे में फ़ैसला लूंगा।’ थिप्से हाई कोर्ट से रिटायर होने के बाद कांग्रेस में शामिल हो गए थे। 

थिप्से ने ‘इंडिया टुडे’ से कहा, ‘मैंने नीरव मोदी मामले में एक्सपर्ट ओपिनियन देने के लिए फ़ीस ली थी और यह पूरी तरह प्रोफ़ेशनल मामला है। कांग्रेस को इस बारे में नहीं पता है क्योंकि लीगल ओपिनियन के लिए मुझसे संपर्क किया गया था।’

थिप्से ने कहा, ‘कांग्रेस मुझे क्यों कुछ बताएगी। मुझे कांग्रेस से कोई निर्देश नहीं मिले थे। लेकिन बीजेपी सरकार में होने के कारण इस बारे में जानती है।’ थिप्से ने कहा कि इस मामले का कांग्रेस पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है। 

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थिप्से ने कहा, ‘जब लोग मेरे पास प्रोफ़ेशनल ओपिनियन के लिए आते हैं तो मैं इस बात को पार्टी को नहीं बताता। यह पूरी तरह लीगल ओपनियन है, इसमें कांग्रेस कहां से बीच में आ गई।’ पूर्व न्यायाधीश ने कहा कि कई बार बीजेपी नेता कांग्रेस का बचाव कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली की बेटी नीरव मोदी की डिफ़ेंस टीम में थी। 

‘लॉ फ़र्म ने किया था संपर्क’

‘इंडिया टुडे’ के इस सवाल पर कि क्या वह नीरव मोदी को बचा रहे हैं, थिप्से ने कहा, ‘मुझसे नीरव मोदी के मामले में प्रोफ़ेशनल ओपिनियन के लिए ब्रिटेन की एक लॉ फ़र्म ने संपर्क किया था। वे इस मामले में मेरा ओपिनियन चाहते थे। उन्होंने इस बात का संकेत दिया था कि अगर मेरा ओपिनियन उनके पक्ष में होगा, तो वे अदालत में इसका इस्तेमाल करेंगे।’ 

थिप्से ने कहा, ‘मुझे अदालत ने एक विशेषज्ञ गवाह के रूप में बुलाया था। भारत सरकार भी दिसंबर से ही इस मामले में जानती थी लेकिन मैं नहीं जानता कि अब इसे राजनीतिक रंग क्यों दिया जा रहा है। वकीलों ने मेरे ओपिनियन का इसलिए इस्तेमाल किया क्योंकि यह उनके पक्ष में था।’

थिप्से ने कहा, ‘मैं यह नहीं कह रहा हूं कि कोई दोषी है या निर्दोष है। यह फ़ैसला अदालत को करना है।’

थिप्से ने ‘इंडिया टुडे’ से कहा, ‘मैंने आमंत्रण मिलने पर कांग्रेस पार्टी की सदस्यता स्वीकर की थी। लेकिन मैं न तो पार्टी में कोई पदाधिकारी हूं और न ही सरकार में मेरे पास कोई दायित्व है।’ न्यायाधीश थिप्से ने यह भी कहा कि संभवत: नीरव मोदी के ख़िलाफ़ मामला भारतीय अदालतों में ज्यादा नहीं टिक पाएगा। 

ब्रिटेन की अदालत ने गुरुवार को नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले में सुनवाई सितंबर तक स्थगित कर दी थी। 

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क़मर वहीद नक़वी
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