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NEET: पहले पेपर लीक, फिर नतीजे घोषित कराने में क्या 'सरकारी चाल' थी

कथित प्रश्न पत्र लीक से लेकर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा कथित तौर पर छात्रों के एक वर्ग को 'ग्रेस अंक' देने तक, यूजी नीट 2024 परीक्षा और परिणाम दोनों विवादों के घेरे में हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने 1,563 से अधिक छात्रों के नतीजों की फिर से जांच करने के लिए एक पैनल बनाया है। यह पैनल नतीजों की समीक्षा करेगा और एक सप्ताह के भीतर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। सवाल यह है कि इससे पहले भी तमाम पेपर लीक विवादों पर जांच कमेटियां सरकार ने बनाईं, उनका क्या हुआ। जांच कमेटी बनाना, पैनल बनाना आंखों में धूल झोंकने की तरह है।

लोकसभा चुनाव के नतीजे 4 जून को आ रहे थे और उसी का फायदा उठाकर एनटीए ने नीट के नतीजे उसी दिन घोषित कर दिए गए। स्टूडेंट्स को इसकी जानकारी पहले से नहीं थी कि 4 जून को नीट का भी नतीजा आ जाएगा। छात्रों का, उनके पैरंट्स का गुस्सा सोशल मीडिया पर आने में देर नहीं लगा।स्टूडेंट्स, पैरंट्स और यहां तक की कई विपक्षी नेताओं ने परीक्षा से जुड़ी कई गड़बड़ियों को एक बड़ा घोटाला करार दिया है। सबसे बड़ा विवाद कथित प्रश्न पत्र लीक और छात्रों के एक वर्ग को 'ग्रेस मार्क्स' देने के एनटीए के फैसले को लेकर है। 
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NEET-UG परीक्षा पूरे भारत में सरकारी और प्राइवेट संस्थानों में मेडिकल, डेंटल और आयुष कोर्स में एडमिशन पाने के लिए एक जरूरी एंट्री प्वाइंट है। नीट परीक्षा की रैंक के हिसाब से एडमिशन मिलता है। इस बार नीट परीक्षा 5 मई को देश के 571 सेंटरों पर हुई थी। भारत के बाहर भी 14 सेंटर थे।

दो बड़ी गड़बड़ियां

नतीजे आए तो एक असामान्य बात दिखाई दी। 67 स्टूडेंट्स ने 720 में से 720 का पूरा स्कोर हासिल किया था, जिससे उनकी आल इंडिया रैंक (AIR) 1 बनी। इसके अलावा बड़ी तादाद में 718 या 719 अंक पाने वाले स्टूडेंट्स की थी। आखिर किसी परीक्षा के इतने बड़े ढांचे में ऐसे अंक कैसे मिल सकते हैं। एक चौंकाने वाली बात यह भी सामने आई कि आल इंडिया रैंक 1 हासिल करने वाले उम्मीदवारों में से आठ हरियाणा के एक ही परीक्षा केंद्र से हैं। 

एनसीईआरटी किताब विवादः परीक्षा में शीर्ष स्थान पाने वाले 67 स्टूडेंट्स के नतीजे ने भी चौंकाया। उनमें से, शीर्ष स्कोरर में से 44 ने कथित तौर पर बेसिक फिजिक्स के सवाल का गलत उत्तर दिया था, लेकिन इन्हें ग्रेस मार्क्स मिले। इसकी वजह यह थी कि एनसीईआरटी कक्षा 12 की किताब के पुराने संस्करण में त्रुटि थी, जिससे इन लोगों को ग्रेस मार्क्स मिले। हैरानी की बात यह है कि जिन छात्रों ने गलत जवाब दिया था, उन्हें ग्रेस मार्क्स के रूप में 5 नंबर मिले, जिन्होंने उस सवाल को छोड़ दिया था, उन्हें ग्रेस मार्क्स नहीं मिला।

29 मई को जब आंसर की सामने आई तो 13,000 से अधिक स्टूडेंट्स ने एनसीईआरटी की किताबों में परस्पर विरोधी जानकारी का हवाला देते हुए आंसर की पर सवाल उठाए। एनटीए ने तब नीट की तैयारी के लिए पूरी तरह से एनसीईआरटी किताबों पर निर्भर रहने के महत्व पर जोर देते हुए इन छात्रों पर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं करने का फैसला किया। 

पेपर लीकः 5 मई को परीक्षा शुरू होने से पहले, कुछ परीक्षा केंद्रों पर NEET UG प्रश्न पत्र लीक हो गया था। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया कि कम से कम तीन ऐसे मामले सामने आए हैं और पुलिस ने मामले दर्ज किए हैं। इनमें से एक मामले की जांच बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) द्वारा की गई थी, जिसने पाया कि छात्रों के माता-पिता ने प्रश्न पत्र लीक करने के लिए लगभग 50 लाख रुपये दिए थे। बिहार ईओयू ने माता-पिता और उम्मीदवारों सहित 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
इन्हीं तमाम विवादों के बीच एनटीए ने 4 जून को चुपचाप नीट का नतीजा घोषित कर दिया। छात्र संगठनों का कहना है कि एनटीए ने नतीजे घोषित करने में इतनी जल्दी नहीं करना चाहिए था। क्योंकि इतनी ज्यादा शिकायतों से पता चलता है कि सभी छात्रों के पास समान अवसर नहीं मिले। हालाँकि, एनटीए ने कथित पेपर लीक के सभी दावों को खारिज कर दिया। उसने ग्रेस मार्क्स दिए जाने का भी बचाव किया। लेकिन इसका जवाब उसके पास नहीं है कि कैसे एक ही सेंटर के छात्र एक जैसा मार्क्स हासिल करें। एनटीए ने आंसर की में गलतियां स्वीकार कीं। तब भी आप इस परीक्षा को साफ सुथरा बता रहे हैं।
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नीट में तमाम गड़बड़ियों और एनटीए की हरकतों के खिलाफ देश की कई अदालतों में याचिकाएं दायर हुई हैं। कई नेताओं ने भी इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- 
पेपर लीक, धांधली और भ्रष्टाचार NEET समेत कई परीक्षाओं का अभिन्न अंग बन गई हैं। इसकी सीधी ज़िम्मेदारी मोदी सरकार की है। अभ्यार्थियों के लिए भर्ती परीक्षाओं में भाग लेना, फिर अनेकों अनियमितताओं से जूझना, पेपर लीक के चक्रव्यूह में फँसना, उनके भविष्य से खिलवाड़ है। भाजपा ने देश के युवाओं को ठगा है। हमारी माँग है कि सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में एक उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए जिससे NEET व अन्य परीक्षाओं में भाग लेने वाले हमारे प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को न्याय मिले।

इसी तरह कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा- पहले NEET परीक्षा का पेपर लीक हुआ और अब छात्रों का आरोप है कि इसके रिजल्ट में भी स्कैम हुआ है। एक ही सेंटर के 6 छात्रों को 720 में से 720 अंक मिलने पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं और कई तरह की अनियमितताओं की बातें सामने आ रही हैं। दूसरी ओर, रिजल्ट आने के बाद देश भर में कई बच्चों के आत्महत्या करने की खबरें हैं। यह बहुत दुखद और झकझोरने वाला है। सरकार लाखों छात्रों की आवाज को अनसुना क्यों कर रही है? छात्र-छात्राओं को NEET परीक्षा के परिणाम में धांधली से जुड़े वाजिब सवालों के जवाब चाहिए। क्या सरकार की जिम्मेदारी नहीं बनती कि वो जांच कराकर इन वाजिब शिकायतों का निस्तारण करे?

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क़मर वहीद नक़वी
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