दुनिया के कई देशों के सामने वैक्सीन की कमी का संकट है। दुनिया के जिस कोवैक्स कार्यक्रम के तहत 92 देशों को वैक्सीन भेजी जा रही थी उस कोवैक्स कार्यक्रम को वैक्सीन मिल ही नहीं पा रही है। दरअसल, विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ का यह कार्यक्रम मुख्य तौर पर सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा बनाई जा रही वैक्सीन कोविशील्ड पर निर्भर है और भारत में कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद कोविशील्ड का निर्यात बंद कर दिया गया है। यानी बांग्लादेश, नेपाल, रवांडा जैसे देशों में जो वैक्सीन की कमी का संकट है उसके तार इस एक कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट से जुड़ते हैं।
सीरम इंस्टीट्यूट के साथ दिक्कत होने से वैक्सीन की वैश्विक कमी: रिपोर्ट
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- 9 Jun, 2021
दुनिया के जिस कोवैक्स कार्यक्रम के तहत 92 देशों को कोरोना वैक्सीन भेजी जा रही थी उस कोवैक्स कार्यक्रम को वैक्सीन मिल ही नहीं पा रही है। सीरम इंस्टीट्यूट से आख़िर वैक्सीन क्यों नहीं मिल पा रही है?

डब्ल्यूएचओ का यह कोवैक्स कार्यक्रम उन मध्यम और कम आय वाले देशों के लिए है जो आम तौर पर ग़रीब हैं और जिन्हें टीकाकरण अभियान के लिए सहयोग की ज़रूरत है।