सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नफरती भाषण पर बेहद सख्त रुख अपनाया है। इसने कहा है कि आज के जमाने में भी धर्म के नाम पर कैसी-कैसी बयानबाजी हो रही है। अदालत ने नफ़रती भाषण देने वालों को तो चेताया ही, उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं करने वाले राज्यों को भी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
नफरती भाषण पर कार्रवाई करें या नतीजे भुगतें: सुप्रीम कोर्ट
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- 21 Oct, 2022
क्या अब नफ़रती भाषण और बयानबाजी करने वालों की खैर नहीं होगी? सुप्रीम कोर्ट को राज्यों को आख़िर यह क्यों चेताना पड़ा कि नफ़रती भाषणों पर कार्रवाई करें नहीं तो अवमानना कार्रवाई होगी?

नफरती भाषणों को लेकर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि राज्य ऐसे मामलों के ख़िलाफ़ खुद कार्रवाई करें या अवमानना के आरोपों का सामना करने को तैयार रहें। अदालत ने कहा, 'अगर अधिकारी कार्रवाई करने में विफल रहते हैं तो अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाएगी।' अदालत ने कहा, 'यह 21वीं सदी है। धर्म के नाम पर हम कहाँ पहुँच गए हैं?' इसने कहा कि भारत में स्थिति चौंकाने वाली है क्योंकि इस देश को धर्म-तटस्थ माना जाता रहा है।